कांग्रेस ने 2022 विधानसभा चुनाव के लिए अपने उन खास चेहरों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है जिनका पूरे सूबे में अच्छा खासा रसूख है। खास तौर पर जातीय आधार पर। धार्मिक आधार पर। दरअसल कांग्रेस ने सोची समझी रणनीति के तहत उन जातियों पर फोकस किया है जो कभी उसके परंपरागत वोटर रहे। इसमें चाहे वह ब्राह्मण मतदाता हों या दलित। कांग्रेस लंबे समय तक इन दो जातियों के बूते ही पूरे देश पर हुकूमत करती रही है। लेकिन बात अगर यूपी की की जाय तो बसपा के उदय के साथ दलित उससे अलग हो गए। फिर भाजपा के उदय के बाद ब्राह्मण भी बिछड़ गए।
अब इन दोनों जातियों पर कांग्रेस का खास फोकस है। कांग्रेस के इस मुहिम में यूपी में हाल में हुई कुछ हिंसात्मक घटनाएं उसे फायदा पहुंचा सकती हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पिछले ढाई साल में यूपी में दलित और ब्राह्मण दोनों को ही नुकासन हुआ है। दोनों पर ही जुल्म हुए हैं। अगर बात ब्राह्मणों की करें तो रायबरेली से लेकर झांसी कांड तक में हुए सामूहिक नरसंहार ने ब्राह्मणों को हिला दिया है। ब्राह्मण समुदाय में इसकी चर्चा आम है। अब तो विभिन्न ब्राह्मण संगठनों ने सोशल मीडिया खास तौर पर फेसबुक पर पेज बना कर आग उगलना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि इस सरकार में ब्राह्मणों पर अत्याचार, हत्या आम बात हो गई है। फेसबुक पेज पर बताया जा रहा है कि रायबरेली में 5 ब्राह्मणों की हत्या सरकार बनते ही हुई उसके बाद झांसी में एक ही परिवार के 4 लोगों को जिंदा जला दिया गया। वैसे रोज कही ना कही कुछ हो ही रहा है।
सोशल मीडिया पर चल रही इस बहस को लपक लिया है कांग्रेस ने। इस बिरादरी को अपने से जोड़ने का दारोमदार सौंपा गया है जितिन प्रसाद को। इस अभियान का नाम दिया गया है, ‘ब्राह्मण चेतना यात्रा’। जितिन प्रसाद इस यात्रा पर निकल भी चुके हैं। पहले वह पीड़ित परिवारों से मिल रहे हैं। उनकी टीम ने प्रदेश भर के ऐसे ब्राह्मण परिवारो को चिह्नित भी कर लिया है जो वर्तमान सरकार में किसी न किसी रूप में प्रताड़ित हुए हैं। अपनी मुहिम के लिए प्रसाद ने रूट चार्ट तक तैयार किया है। इस नक्शे में उन जिलों का उल्लेख है जहां ब्राह्मणों की हत्या हुई है। वह हर उस ब्राह्मण परिवार के घर जाएंगे। परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाएंगे।
इसी कड़ी में वह रविवार को बस्ती पहुंचे और सीधे गए छात्र नेता आदित्य नारायण तिवारी के घर। बता दें कि आदित्य की पिछले महीने ही गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। कांग्रेस और जितिन का कहना है कि योगी सरकार में लगातार ब्राह्मणों पर अत्याचार हो रहा है। अक्टूबर में हुई कमलेश तिवारी की हत्या के बाद से ब्राह्मण संगठन लगातार योगी सरकार पर मुखर हैं। वैसे जितिन का कहना है कि उनकी यात्रा का कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है।
जितिन प्रसाद का सवाल है कि योगी राज में ब्राह्मणों को क्या मिला? इस सरकार में ब्राह्मणों की लगातार उपेक्षा की जा रही है। कैबिनेट, ब्यूरोक्रेसी, पार्टी संगठन तीनों जगह बीजेपी ब्राह्मणों की उपेक्षा कर रही है। कैबिनेट में महज़ तीन ब्राह्मण नेता हैं। चुनाव जीतने के बाद बीजेपी ने ब्राह्मण प्रदेश अध्यक्ष तक बदल दिया। मंत्रालय में भी ब्राह्मणों को हल्के विभाग दिए गए हैं।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि बीजेपी सरकार से नाराज ब्राह्मणों को कांग्रेस से जोड़ना बेहद जरूरी है, क्योंकि एक दौर में यूपी में ब्राह्मण+मुस्लिम+दलित को कांग्रेस का कोर वोटर माना जाता था लेकिन अजय लल्लू को यूपी चीफ बनाने के बाद पार्टी में ओबीसी पर फोकस ज्यादा होने लग। ऐसे में आने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी का एक बड़ा धड़ा पुराने समीकरणों पर फोकस करने पर जोर दे रहा है। जितिन प्रसाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य के साथ-साथ हाल ही में बनाई गई यूपी कांग्रेस की प्लानिंग व स्ट्रैटेजी कमिटी के भी सदस्य हैं जो प्रियंका गांधी के साथ मिशन 2022 की रणनीति तैयार कर रही है।