उन्होंने कहा कि जिस सरकार में अपराधियों का बोलबाला हो, हत्या डकैती प्रदेश की पहचान बन गई है। अपराधी सरकार के साथ खड़े हों वहां कोई भी प्रणाली काम नहीं कर सकती। उन्होंने सीएम योगी से सवाल किया कि मुख्यमंत्री बार-बार सदन और मंचों पर कहते हैं कि अपराधी जेल में है या प्रदेश छोड़ कर भाग गए हैं। लेकिन रोज की घटनाएं, उनके दावे को उजागर करने के लिए काफी है। कहा कि नोएडा में गौरव चंदेल की हत्या का खुलासा अब तक नहीं हो सका है। यही हाल कानपुर, लखनऊ का है। लखनऊ में शिशिर त्रिपाठी की हत्या का भी पुलिस व सरकार अब तक कोई माकूल जवाब नहीं दे सकी है। प्रधानमंत्री के क्षेत्र में हत्या अपराध बढ़ा है। पुलिस व सरकार मौनी बाबा की तरह तमाशा देख रहे हैं। स्मार्ट पुलिसिंग पर कहा कि तीन साल पहले नारा दिया था, ना गुंडाराज न भ्रष्टाचार अबकी बार भाजपा सरकार, तीन साल में क्या बना दिया हाल।
प्रियंका गांधी के वाराणसी दौरे पर बसपा प्रमुख मायावती के ट्वीट कि वो घड़ियालू आंसू बहाने चली जाती हैं, लल्लू ने कहा कि मायावती बीजेपी के एजेंट के रूप में काम कर रही हैं। उन्होंने बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर के सपनों को तार-तार कर दिया है। कहा कि उन्हें आमजनता से कोई सरोकार नहीं। कभी भी वह आमजन के लिए सड़कों पर नहीं उतरीं। कहा कि मायावती को आमजनों से कोई सरोकार नहीं। उन्हें इस देश के संविधान से कोई सरोकार नहीं। वह केवल बयान जारी करना जानती है। वह सड़कों पर नहीं आ सकतीं। लाठी नहीं खाने की हिम्मत नहीं।
उम्भा कांड की चर्चा करते हुए कहा कि योगी सरकार भूमि घोटाले में भाजपा के लोगों को बचाने में जुट गई है। यही वजह है कि वो सारे दस्तावेजों में हेरफेर कर रही है। लेकिन कांग्रेस ऐसा होने नहीं देगी। कहा उम्भा की घटना में प्रियंका के जाने के बाद सच सामने आया। वह घटना दर्दनाक थी। सरकार ने भू माफिया को जमीन दी। 6 गांवों के दस्तावेज गायब कर दिए गए। पूछा कि जमीनों पर जिनका मालिकाना हक है उन्हें जमीन क्यों नहीं दे रही। वो लोग जिस जमीन के लिए लड़ रहे थे उन्हें दूसरी जगह पट्टा क्यों दिया जा रहा है। कहा कि 2017 से 2019 के बीच कागजों में हेरफेर किया गया। जिलाधिकारी व एडीएम प्रशासन ने असल मालिकों का नाम काटा था 2019 में। सैकड़ों साल से काबिज लोगों का नाम काटा गया। सरकार लगातार अपने बचने के लिए दूसरों पर आरोप मढने का काम कर रही है। सरकार भूमाफिया के साथ है। तब भाजपा की सरकार थी।
उन्होंने बताया कि सीएए, एनआरसी, बेरोजगीर, बेहाल किसानी, महंगाई, कानून व्यवस्था पर लंबा संघर्ष छेड़ा जाएगा। इसी के लिए रणनीत बनाने बनारस आए हैं। स्थानीय कांग्रेसजनों के साथ बैठक कर ठोस रणनीति तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में अपराध चरम पर है। अपराधी बेखौफ हो कर अपने मंसूबों को अंजाम दे रहे हैं। प्रदेश की पहचान बन गया है अपराध। सूबे में भय का वातावरण है। हर तरफ लूट, हत्या, छिनैती चरम पर है। महिलाओं की आबरू खतरे में है। किसान, नौजवान सब परेशान हैं। बेरोजगारी चरम पर है। ऐसे में इन सभी मुद्दों पर ठोस रणनीति बनेगी और कांग्रेस यूपी सरकार के खिलाफ बड़ा संघर्ष करेगी। आंदोलनों और संवाद के माध्यम से सरकार की विफलताओं को जनता के बीच ले जाएगी।
वैसे बता दें कि प्रियंका गांधी के वाराणसी दौरे के दौरान पार्टी की गुटबाजी और पुराने नेताओं को प्रियंका गांधी से दूर रखने का मामला तूल पकड़ा था। सूत्रों का कहना है कि स्थानीय कांग्रेसियों ने इसकी शिकायत भी की थी प्रियंका गांधी और बाजी राव खाड़े से। ऐसे में यह माना जा रहा है कि प्रियंका के संदेश पर ही अजय लल्लू अचानक बनारस पहुंचे हैं।