थकान और अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या में 10 गुना वृद्धि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय के मेडिसिन विभाग के चिकित्सकों की स्टडी बताती है कि कोरोना वायरस से संक्रमित हो कर स्वस्थ होने वाले मरीजों में थकान ज्यादा प्रभावी है। ऐसे मरीजों की संख्या में 10 गुना तक वृद्धि हुई है। चिकित्सकों की मानें तो थकान महसूस करने वाले मरीज पहले भी आते रहे पर तब 10 में महज पांच ऐसे मरीज हुआ करते थे। लेकिन कोरोना के बाद 100 में से 50 मरीज ऐसे आ रहे हैं।
इम्यूनिटी कमजोर होने से हुआ ऐसा मेडिसिन विभाग के चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना वायरस से इम्यूनिटी कमजोर होने से हुआ है। इम्यूनिटी कमजोर होने से नर्वस सिस्टम, मसल्स और यहां तक कि हर्ट भी प्रभावित हुआ है। यही वजह है कि थकान के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है।
इन समस्याओं से जूझ रहे लोग चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने वालों में नींद न आना, भूख न लगना और सीने में कसावट जैसी शिकायतें ज्यादा मिल रही हैं। ये सारे ऐसे कारक हैं जिनसे व्यक्ति में थकान बढी है और इसका असर कार्य क्षमता पर पड़ा है।
"शरीर में थकान, काम करने की इच्छा न करना जैसी समस्या वाले मरीज पहले भी आते रहे। पर कोरोना वायरस से संक्रमित हो कर स्वस्थ होने वाले मरीजों में ऐसी प्रवृत्ति में 10 गुना का इजाफा हुआ है। पहले जो 100 में 5 मरीज ऐसे आते रहे अब उनकी संख्या 100 में 50 हो गई है। ऐसा इम्यूनिटी कमजोर होने के चलते है। वैसे इससे पौष्टिक भोजन और नियमित व्यायाम से इन समस्याओं से काफी राहत मिल सकती है।"-डॉ धीरज किशोर, मेडिसिन विभाग, सर सुंदरलाल चिकित्सालय, बीएचयू