कोरोना संक्रमा के कारण लगातार हो रही मौतों के चलते श्मशान घाट और शवदाह गृह (crematorium) कम पड़ गए हैं। अंतिम संस्कार में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वाराणसी में भी अंतिम संस्कार (Funelral) को लेकर दिक्कतें हो रही हैं। अंतिम संस्कार के लिये वेटिंग चल रही है ओर काफी इंतजार करना पड़ रहा है।
काशी में अंतिम संस्कार की इसी परेशानी को देखते हुए गोरखपुर (Gorakhpur) और कोलकाता (Kolkata) की दो संस्थाएं नया शवदाह गृह बनाने के लिये आगे आई हैं। संस्था ने नगर निगम को लकड़ी आधारिज शवदाह गृह खोलने का प्रस्ताव देकर इसके लिये मणिकर्णिका घाट के किनारे जमीन मांगी है। इसके साथ ही डीएम ने भी लकड़ी आधारित शवदाह गृह के लिये नगर निगम को पत्र भेजा है। कोलकाता की हिन्दुस्तानी चैरिटी के मुख्य ट्रस्टी कृष्ण कुमार काबरा ने शवदाहगृह में लगने वाला खर्च उठाने का प्रस्ताव नगर निगम को दिया है।
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तलाश की जा रही जमीन
नए शवदाह गृह के लिये प्रस्ताव व पत्र मिलते ही नगर निगम एक्टिव हो गया है ओर जमीन की तलाश की जा रही है। सामने घाट, रविदास घाट और राजघाट पर भी नए शवदाह गृह के लिये संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। नगर निगम को ये प्रस्ताव एक मई को ही मिल गए थे। पर अभी जगह तय नहीं हो सकी है। ऐसा माना जा रहा हे कि नया शवदाह गृह मणिकर्णिका घाट पर बनाया जा सकता है।
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कम लकड़ी में होगा अंतिम संस्कार
लकड़ी आधारित आधुनिक शवदाहगृह में कम लकड़ी में अंतिम संस्कार हो जाएगा। इससे प्रदूषण भी कम होगा। एक ट्राॅली में शव रखा जाएगा, जहां उसमें लगी भट्ठी शव को जलाकर राख में बदल देगी। ट्राॅली को खिसकाकर उसकी राख नीचे गिरा दी जाएगी। लकड़ी आधारित शवदाह गृह का निर्माण कराने वाली संस्था उर्जा गैसीफायर प्राइवेट लिमिटेड के प्रोप्राइटर अजय कुमार जायसवाल के मुताबिक ढाई से तीन मन लकड़ी में डेढ़ से दो घंटे में अंतिम संस्कार हो जाएगा। उन्होंने बताया कि कम लकड़ी जलने से प्रदूषण भी कम होगा। इस मशीन को लगाने में करीब 55 लाख रुपये का खर्च आएगा।
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लखनऊ में हो चुकी है शुरआत
लकड़ी आधारित दो आधुनिक शवदाह गृह लखनऊ में शुरुआत हो चुकी है। गोरखपुर की संस्था ने कुछ दिन पहले ही लखनऊ बैकुंठ धाम व गुलाला घाट पर ऐसे दो शवदाह गृहों की शुरुआत की है। इसके अलावा गोरखपुर के बड़हलगंज स्थित मुक्तिधाम और कुशीनगर के रामकोला में भी इसकी शुरुआत कर दी गई है। इससे कोरोना मृतकों के अंतिम संस्कार में आने वाली समस्या कम होगी।