scriptभ्रष्टाचार के मुद्दे पर मिनी सदन एक जुट पर मेयर ने टाला फैसला | corruption Issue raised in Varanasi Municipal Council meeting | Patrika News

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मिनी सदन एक जुट पर मेयर ने टाला फैसला

locationवाराणसीPublished: Jan 25, 2019 05:32:33 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

पार्षदों का अधिनियम के विरुद्ध अधिकार हासिल करने में जुटी हैं मेयर। भाजपा पार्षदों को ही प्रस्ताव पढ़ने से रोका गया, क्षोभ।

नगर निगम सदन की बैठक

नगर निगम सदन की बैठक

वाराणसी. नगर निगम सदन में पक्ष और विपक्ष तो भ्रष्टाचार मिटाने के मुद्दे पर एक हुए पर पीठासीन अधिकारी मेयर ही उसे टाल गईं। इसे लेकर पार्षदों ने काफी विरोध भी जाताया लेकिन पार्षदों के विरोध और हंगामे के बीच पीठासीन अधिकारी ने सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया।
नगर निगम सदन की स्थगित बैठक पूर्व निर्धारित तिथि के मुताबिक शुक्रवार (25 जनवरी) को दिन के 2:00 बजे वंदेमातरम राष्ट्रीय गीत के साथ शुरु हुई। पीठासीन अधिकारी, मेयर ने जैसे ही कार्यवाही शुरू करने की घोषणा की शिवाला से भाजपा पार्षद राजेश यादव चल्लू ने अधिनियम की धारा 91(2) के तहत भवन असेसमेंट तथा दाखिल खारिज के मामलो में भ्रष्टाचार की जांच के लिए धारा-95 के तहत विशेष कमेटी बनाने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया। चल्लू के इस प्रस्ताव के समर्थन में पूरा सदन था। पक्ष के साथ ही विपक्ष के भी सभी पार्षदों ने इसका समर्थन किया। पांच सदस्यीय कमेटी के लिए नाम भी चुन लिए गए। लेकिन पीठासीन अधिकारी,महापौर मृदुला जायसवाल ने प्रस्ताव को ओपेन रखते हुए सदन को अनिश्चित कालीन स्थगित कर दिया। इस मुद्दे पर पार्षदों में एक स्वर से विरोध जताया। उनका कहना था कि धारा-95 के तहत कमेटी गठन का अधिकार सदन को हैं। इस संबंध में चल्लू ने पत्रिका को बताया कि जो अधिकार सदन में निहित है उसे मेयर खुद में समाहित करना चाहती हैं जो अधिनियम के विरुद्ध है, उन्हें यह बताया भी गया लेकिन उन्होंने पार्षदों के तर्कों को अनसुना कर दिया। महापौर के इस निर्णय से पक्ष और विपक्ष दोनो पार्षदो मे आक्रोश व्याप्त है।
इसके अलावा एक अन्य भाजपा पार्षद वार्ड नंबर-26 जोल्हा उत्तरी से इंद्रदेव पटवा ने स्वास्थ्य व परिवहन विभाग के कार्यों की जांच के लिए प्रस्ताव पेश करने की कोशिश की लेकिन उन्हें अपना प्रस्ताव पढ़ने ही नहीं दिया गया। पटवा का आरोप है कि मेयर भाजपा की होते हुए भी अपने ही दल के पार्षदों को अनसुना कर रही हैं। उन्होंने पत्रिका को बताया कि भाजपा की ओर से स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है लेकिन नगर निगम का हाल यह है कि शहर भर में जहां-तहां कूड़े का अंबार लगा है। कूड़ा उठान के लिए जब स्वास्थ्य विभाग के अफसरों व कर्मचारियों से कहा जाता है तो वो संसाधन का रोना रोते हैं। यही हाल परिवहन विभाग का है। अधिकारी कहते हैं हॉपर नहीं है तो गाड़ी नहीं है तो ट्रैक्टर नहीं है। अब जब कुछ है ही नहीं तो कैसे होगी सफाई। पटवा ने बताया कि गैबी इलाके में डूडा के तहत डेढ़ सौ लाइट लगवाई गई है, सभी के लिए खंभे गाड़ दिए गए हैं। पर एक भी लाइट नहीं जलती। महीनों से यही हाल है। इससे संबंधित प्रस्ताव भी पढ़ने नहीं दिया गया। भाजपा पार्षद ने मेयर पर सत्ता पक्ष की बजाय विपक्ष की ज्यादा सुनने का आरोप भी लगाया।
सदन ने हो हल्ला के बीच सीवर और अन्य कुछ विकास कार्यो पर भी चर्चा की। अंत मे वैद्य पंडित नीलकंठ शास्त्री और श्री श्री श्री स्वामी के निधन पर शोक प्रस्ताव पास कर सदन अनिश्चितकालीन स्थागित कर दिया गया।
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