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कड़ी सुरक्षा में कोर्ट कमिश्नर आज करेंगे काशी विश्वनाथ मंदिर- ज्ञानवापी परिसर का सर्वे

locationवाराणसीPublished: May 06, 2022 09:48:18 am

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

काशी विश्वनाथ मंदिर- ज्ञानवापी परिसर स्थित मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की इजाजत वाली याचिका के संबंध में सिविल जज सीनियर डिवीजन अदालत से नियुक्‍त कोर्ट कमिश्‍नर शुक्रवार को परिसर का सर्वे करेंगे। इस दौरान सभी पक्षों को मिला कर कुल 36 लोग कोर्ट कमिश्नर के साथ मौजूद रहेंगे। इस बीच मुस्लिम पक्ष के विरोध को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर

काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर

वाराणसी. काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी परिसर स्थित मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की इजाजत संबंध याचिका के संबंध में सिविल जज सीनियर डिवीडन अदालत के आदेश पर शुक्रवार 06 मई को कोर्ट कमिश्नर वरिष्ठ अधिवक्ता अजय कुमार मिश्र परिसर का सर्वे करेंगे। इस दौरान उभय पक्ष को मिला कर कुल 36 लोग मौजूद रहेंगे। सर्वे आज शाम चार बजे शुरू होगा। इस बीच मुस्लिम समुदाय के इस सर्वे के विरोध के मद्देनजर वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट ने सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए हैं। साथ ही कोर्ट कमिश्नर के आग्रह पर अदालत ने पुलिस कमिश्नर को सर्वे संबंधी सारे डाक्यूमेंट्स खुद अपनी निगरानी में सुरक्षित रखने का आदेश दिया है।
इन्होंने दायर की है याचिका

काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर स्थित मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की इजाजत के लिए दिल्ली की राखी सिंह सहित पांच अन्य की ओर से सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में याचिका दायर कर 1991 से पूर्व की स्थिति बहाल करने की प्रार्थना की है। याचिका में शृंगार गौरी सहित आदि विश्वेश्वर परिवार के सभी विग्रहों को यथास्थिति में रखने की भी प्रार्थना की गई है। सुनवाई के दौरान वादी ने विग्रहों की वस्तुस्थिति जानने के लिए कोर्ट कमीशन की कार्रवाई शुरू कराने की दरख्वास्त की थी। ऐसे में अदालत के फैसले के तहत सर्वे की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी भी होनी है। आज होने वाले सर्वे की रिपोर्ट 10 मई के पूर्व अदालत में पेश की जानी है। मामले की सुनवाई 10 मई को होनी है।
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ये है पूरा मामला

दिल्ली की राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, मंजू व्यास, सीता साहू और रेखा पाठक ने 18 अगस्त 2021 को संयुक्त रूप से सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में याचिका दायर की थी। इस याचिका के मार्फत इन सभी ने काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर स्थित शृंगार गौरी तथा अन्य देव विग्रहों को 1991 की पूर्व स्थिति की तरह नियमित दर्शन-पूजन के लिए सौंपे जाने की प्रार्थना की थी। सुनवाई के क्रम में आठ अप्रैल 2022 को अदालत ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया। कोर्ट कमिश्नर ने 19 अप्रैल को सर्वे करने की तिथि से अदालत को अवगत कराया। लेकिन इससे एक दिन पहले 18 अप्रैल को जिला प्रशासन ने शासकीय अधिवक्ता के जरिए याचिका दाखिल कर वीडियोग्राफी व फोटोग्राफ पर रोक लगाने की मांग की। इसी बीच 19 अप्रैल को विपक्षी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने भी हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर रोकने की गुहार लगाई। इस मामले में हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा। ऐसे में 20 अप्रैल को निचली अदालत ने भी सुनवाई पूरी करते हुए 26 अप्रैल को ईद के बाद सर्वे की कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया। कोर्ट के आदेश के तहत कोर्ट कमिश्नर वरिष्ठ अधिवक्ता अजय कुमार मिश्र ने कोर्ट को छह मई को सर्वे करने की जानकारी दी। इसी के तहत आज 6 मई को कोर्ट कमिश्नर परिसर का सर्वे करने वाले हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 10 मई को होनी है। वादी ने इस मामले में विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट, डीएम, पुलिस आयुक्त, अंजुमन इंतजमिया मसाजिद कमेटी और सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड को पक्षकार बनाया है।
कोर्ट कमीशन की कार्रवाई की निगरानी को पहुंची सुप्रीम कोर्ट की टीम

कोर्ट कमीशन की आज की कार्रवाई सर्वोच्च न्यायालय के सीनियर वकीलों की निगरानी में होगी। इसके लिए सर्वोच्च न्यायालय के सीनियर वकीलों की टीम भी पहुंच गई है। स्थानीय स्तर पर वादी पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन, पंकज गुप्ता और शिवम शुक्ल भी मौके पर उपस्थित रहेंगे। मौजूद रहेंगे। बता दें कि अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने अयोध्या के राम मंदिर मामले के मुकदमे में भी हिंदू महासभा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में बहस की थी।
पुलिस कमिश्नर की निगरानी में रखे जाएंगे साक्ष्य

इस बीच कोर्ट कमिश्नर ने गुरुवार को अदालत में प्रार्थनापत्र देकर कमीशन के दौरान सुरक्षित स्थान और साक्ष्यों को रखने के लिए सुरक्षित जगह उपलब्ध कराने का अनुरोध किा। इस पर अदालत ने पुलिस आयुक्त को निर्देशित किया है कि वह कोर्ट कमिश्नर की मांगों पर उचित कार्रवाई कर अवगत कराएं।
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