यह जूस आम की दूसरी प्रजातियां जैसे दशहरी, आम्रपाली, नीलम, अल्फान्सो, तोतापरी वगैरह का इस्तेमाल कर भी बनाया जा सकता है। इसे बच्चे या बड़े कोई भी पी सकता है। जूस की 200 एमएल की बोतल तैयार की गई है और इसे इसे 5 डिग्री सेल्सियस पर पांच महीने तक रखा जा सकता है।
दुग्ध विज्ञान एवं खाद्य प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख प्रो. डीसी राय के मुताबिक इस जूस में विटामिन ए, विटामिन सी, खनिज लवणों के साथ कैरोटिनायड, एंटीआक्सीडेंट व जीवाणुरोधी गुण हैं। आम और एलोवेरा से बने खाद्य पदार्थ विषाणु से बचाव में उपयोगी साबित हो सकते हैं। यह रेडी टू सर्व जूस है।
आम में पाए जाने वाला मैंगीफेरिन, केटेकल एवं कैटेचिन और बीटा कैरोटीन इम्युनिटी बूस्ट करता है। जबकि एलोवेरा में मौजूद एंटी माइक्रोबियल्स जूस की सेल्फ लाइफ को नेचुरली इनक्रीज़ करते हैं।
जूस से कोई नुकसान नहीं
प्रो. डीसी राय ने बताया कि विभाग के छात्र प्रबल प्रताप सिंह ने डॉ एसपी सिंह एवं डॉक्टर अभिषेक त्रिपाठी के निर्देशन में मैंगो और एलोवेरा के इस जूस पर रिसर्च किया है। उनका दावा है कि इसके सेवन से शरीर में सैचुरेटेड फैट, वसा, सोडियम और अतिरिक्त चीनी की मात्रा नहीं जाती है। इस वजह से इसका कोई नुकसान नहीं होगा।