क्रेच के खुलने के बाद महिला डॉक्टर जो अक्सर अपने छोटे बच्चों को लेकर खासी चिंतित रहा करती थीं उनकी चिंता दूर होगी। वजह ये कि वो ड्यूटी पर आते वक्त अपने मासूम बच्चे को साथ ला सकेंगी। ये बच्चे इस क्रेच में पूरे ड्यूटी ऑवर रहेंगे। ऐसे में डॉक्टर जब भी खाली होंगी, अपने बच्चे को वो समय दे पाएंगी। क्रेच के शुरू होने के बाद उन्हें छोटे बच्चों को घर पर छोड़ कर आने या किसी प्ले ग्रुप में दाखिला दिलाने की जरूरत नहीं होगी।
ये क्रेच खास तौर पर उन महिला डॉक्टरों के लिए वरदान होगा जिनकी ड्यूटी रात में होती है। ऐसे में पूरी रात वो अपने बच्चों से दूर रहती हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। वो रात्रिकालीन ड्यूटी में भी बचेचे को साथ ला सकेंगी, क्योंकि ये क्रेच 24 घंटे काम करेगा। ऐसे में बच्चों की चिंता छोड़ व मरीजों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर पाएंगी। साथ-साथ बच्चे पर भी।
क्रेच यानी शिशु सदन में बच्चों के खेलने के लिए झूला, खिलौने तो होंगे ही साथ ही बिस्तर आदि का भी इंतजाम होगा। साथ ही मिलेगी फोन व वीडियो कॉलिंग की सुविधा। बच्चों को दूध, फल भी मिलेंगे अन्य पोषाहार के साथ। विपरीत परिस्थियों यानी अगर बच्चे की सेहत बिगड़ती है तो उसके इलाज की पूरी व्यवस्था होगी। बच्चों के लिए किताबें भी उपलब्ध रहेंगी। साथ ही सबसे बड़ी बात कि इन बच्चों की उचित देखभाल के लिए कर्मचारी भी उपलब्ध होंगे।