कोरोना महामारी (Corona Pandemic) में संक्रमण के खतरे के चलते कई जगह शव के अंतिम संस्कार करने वाले नहीं मिल रहे। तो कई खबरें ऐसी भी आईं जब अपनों ने ही मौत के बाद मुंह फेर रहे हैं। कहीं पुलिस तो कहीं दोस्त कांधा दे रहे हैं। कई बार तो लावारिस की तरह अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है। संक्रमण के डर के चलते अंतिम संस्कार में शामिल होने से लोग कतरा रहे हैं। चार कंधे मिलना मुश्किल हो रहा है। एक या दो आदमी ही शव लेकर अंतिम संस्कार के लिये घाट पहुंच रहे हैं। अब ऐसे में चिता तक पहुंचाने के लिये चार कंधे जुटाने के लिये उसकी कीमत अदा करनी पड़ रही है। मोलभाव हो रहा है और चार से पांच हजार रुपये वसूले जा रहे हैं।
नरिया के दीपक हों या फिर चेतगंज के प्रभानंद ऐसे कितने ही उदाहरण हैं जिन्होंने कोरोना से अपनों की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार के लिये घाट पर 3500 से चार हजार रुपये तक देकर कांधा जुटाना पड़ा। उधर श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार के लिये मुंह मांगे रुपये वसूलने के मामले पहले ही सामने आ चुके हैं। हरिश्चंद्र घाट पर अंतिम संस्कार के लिये 10 से लेकर 25 हजार रुपये तक वसूले जाने के आरोप लगे हैं। मणिकर्णिका घाट पर भी दाह संस्कार महंगा हो चुका है। 3000 से 4000 रुपये में होने वाले दाह संस्कार का खर्च अब 10 से 15000 हजार रुपये हो गया है। हालांकि व्यापारियों का कहना है की किल्लत के चलते लकड़ियां भी महंगी हो गई हैं।