मौसम विज्ञानियों के मुताबिक तूफान का असर यहां 28 मई तक रहेगा। इस दौरान 35 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज आंधियां चलेंगी। यह रफ्तार सामान्य से बेहद ज्यादा है। सर्फेस पर इतनी तेज हवाओं के चलते से पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ने का खतरा बढ़ जाएगा। इसके मद्देनजर प्रशासन ने आम लोगों को घरों में रहने की अपील की है। संभावित प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों और राहत आयुक्तों को मौसम विभाग कीओर से अलर्ट कर दिया गया है।
मौसम विभाग की ओर से उत्तर प्रदेश के 27 जिलों के लिये ब्लू अलर्ट जारी किया गया है। ब्लू अलर्ट तभी जारी किया जाता है जब सभी जिलों में बारिश की संभावना हो। मौसम विभाग की ओर से जिन जिलों के लिये चेतावनी जारी की गई है उनमें मुरादाबाद, बिजनौर, अमरोहा, संभल, बदायूं, कासगंज, बहराइच, बाराबंकी, गोंडा, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, अयोध्या, अमेठी, सुल्तानपुर, जौनपुर, आंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, बलिया, देवरिया, संत कबीर नगर, महराजगंज और कुशीनगर जिले शामिल हैं।
बीएचयू से रिटायर मौसम वैज्ञानिक प्रो. एसएन पाण्डेय ने बताया कि चक्रवाती तूफान यास सागर आयरलैंड और पारादीप के बीच में दीघा बाॅर्डर पार कर चुका है। फिलहाल वाराणसी और आसपास के जिले इस तूफान के सबसे आखिरी घेरे में हैं जो करीब 150 किलोमीटर का है। आज (बुधवार) रात 10 बजे के बाद कभी भी तूफान के जोर से 35 से 45 किलोमीटर की रफ्तार से तेज हवाएं और भारी बारिश शुरू हो सकती है। साथ में बिजली गिरने की प्रबल संभावना है। उनके मुताबिक जब इस स्पीड से धरातल पर हवा चलेगी तो नुकसान ज्यादा हो सकता है। तूफान का असर 29 मई तक रहने की संभावना है। उन्होंनेे बताया कि इस बार माॅनसून अपने समय पर चल रहा है और 20 जून तक आने की संभावना है।