scriptइस गांव की लड़कियां सीख रहीं टू ह्विलर चलाना, ताकि न हों किसी की मोहताज | Daughters learning two wheeler in Nagepur village | Patrika News

इस गांव की लड़कियां सीख रहीं टू ह्विलर चलाना, ताकि न हों किसी की मोहताज

locationवाराणसीPublished: Jun 08, 2019 02:16:53 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

नागेपुर गांव की बेटियों ने की अनोखी पहल, टू ह्विलर चलाना सीखकर बनना चाहती है आत्मनिर्भर

इस गांव की लड़कियां सीख रहीं  टू ह्विलर चलाना, ताकि न हों किसी की मोहताज

इस गांव की लड़कियां सीख रहीं टू ह्विलर चलाना, ताकि न हों किसी की मोहताज

मिर्जामुराद/वाराणसी. अंधकार को क्यों धिक्कारें, अच्छा हो खुद दीप जलाएं। हमने तो यह ठाना है, खुद का समाज बनाना है, कुछ इन्हीं बुलंद हौसलों के साथ सुनहरे भविष्य के सपनों को साकार करने के लिए नागेपुर गांव की लड़कियां स्कूटी चलाना सीख रही है। आशा ट्रस्ट एवं लोक समिति द्वारा आयोजित किशोरी समर कैंप में नागेपुर और आसपास के गांवों की दर्जनों लड़कियां पिछले एक सप्ताह से स्कूटी और बाइक चलाना सीख रही हैं।
बाइक चलाना सीख रही ज्योति गुप्ता का कहना है कि इस समय वह ग्रेजुएशन की पढाई कर रही है। पढाई पूरी करने के बाद शहर जाकर अच्छी नौकरी करना चाहती है, गांव से आने जाने का कोई सार्वजनिक यातायात बस की सुविधा नहीं है, इसलिए वह बाइक चलाकर खुद अपने पैर पर खड़ा होना चाहती हैं। ऐसे ही बीएससी की छात्रा सीमा का कहना है कि मै भविष्य में डॉक्टर बनना चाहती हूं। आगे की पढ़ाई के लिए स्कूटी सीखकर शहर जाना चाहती है। सोनी बानो का कहना है कि बाजार या बाहर जाने के लिए अक्सर परिवार वालों के ऊपर निर्भर रहना पड़ता है इसलिए बाइक सीखकर आगे का रास्ता अब वह खुद तय करना चाहती है। जीवन में पहली बार बाइक चलाकर आत्मविश्वास से भरी बेबी की खुशी का ठिकाना नही है, उसने बताया की उसने ब्यूटिशयन का कोर्स किया है, बाइक सीखकर खुद का पार्लर चलाना चाहती है। इसी तरह ट्रेनिंग ले रही सभी लड़कियों ने खुलकर स्कूटी सीखने के बाद सभी अपने अपने भविष्य की योजनाएं बताईं।
लड़कियों को स्कूटी सीखा रहे लोक समिति संयोजक नन्दलाल मास्टर ने बताया कि 10 मई से चल रहे किशोरी समर कैंप में करीब 80 लड़कियाँ सिलाई कढ़ाई,ब्यूटीशियन,कम्प्यूटर चलाना,स्पीकिंग इंग्लिश,आदि रोजगार परक कोर्स सीख रही है। यातायात की अच्छी ब्यवस्था नही होने के कारण अक्सर लड़कियां आगे की पढाई, नौकरी करना या बाजार नही जाना चाहती। आज भी गांवो में लड़कियों को मोटर बाइक चलाना बहुत चुनौतीपूर्ण कार्य है। अपने अधिकारों के लिए आगे आने वाली लड़कियों को अक्सर बहुत सम्मान की नजर से नही देखा जाता, ऐसे में खुद का वाहन चलाकर बाजार, कालेज या नौकरी करने जाना इन लड़कियों का सपना है।
प्रशिक्षण शिविर में लड़कियों को खुद के पैरो पर खड़ा होकर आत्म निर्भर बनने के लिए मोटर बाइक चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। स्कूटी ट्रेनिंग कार्यक्रम में बेबी देवी, ज्योति , प्रीति, निशा, प्रियंका, आरती, गुंजा, निशा पटेल, आदि लड़कियां बाइक चलाना सीख रही है। लड़कियों को अमित,रामबचन,सुनील और मनीष पंचमुखी ट्रेनिंग दे रहे है, और सोनी सरिता अनीता विद्या सीमा मैनम शमा बानो आदि सहयोग दे रही है। समर कैम्प का 10 जून को समापन किया जाएगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो