यह है पूरी कहानी घटना बनारस के गंगा पार स्थित रामनगर श्मशान घाट पर बुधवार शाम की है। अस्पताल से मृत घोषित कर दिए जाने के बाद विकास (21 वर्ष) नाम के युवक को परिजन और इलाके के लोग रामनगर श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार के लिए लेकर पहुंचे थे। लेकिन चिता पर लेटाने से पहले विकास के शरीर को गंगा में नहलाया गया इसी दौरान अचानक उसके शरीर में हरकत हुई और उसकी आंख खुल गई, सांसे भी चलने लगीं। उसे लोग तत्काल लेकर BHU के ट्रामा सेंटर पहुंचे जहां डॉक्टर ने उसका इलाज शुरू किया लेकिन श्मशानघाट के बाद उसकी जिंदगी केवल 15 मिनट की ही बची थी। 15 मिनट के इलाज के बाद विकास ने सचमुच दम तोड़ दिया।
शादी-ब्याह में पानी की सप्लाई का काम करने वाले विकास कनौजिया को एक सड़क दुर्घटना में बुरी तरह से घायल होने के बाद बनारस के मड़ुआडीह स्थित एक नामी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां विकास का 2 दिनों तक इलाज चला उसके बाद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर शव परिवार वालों को सौंप दिया।
विकास की मौत का अफसोस मनाते रोते बिलखते परिजन घर पहुंचे और वहां से तैयारी के बाद विकास के अंतिम संस्कार के लिए रामनगर स्थित श्मशान घाट पहुंचे। हां अंतिम संस्कार की प्रक्रिया चल ही रही थी पर इसी दौरान अचानक जैसे चमत्कार हो गया और जिस विकास को परिवार वाले और इलाके के लोग मरा हुआ समझ रहे थे उसके शरीर में हरकत होने लगी और उस सांसे चलने लगी। परिवार के लोग आनन-फानन में उसे लेकर BHU ट्रामा सेंटर पहुंचे जहां विकास का दोबारा इलाज तो शुरू हुआ लेकिन 15 मिनट बाद ही उसकी वाकई में मौत हो गई।
बताया गया है कि परिवार के लोग इस घटना के बाद निजी अस्पताल को लेकर काफी नाराज हैं और उसके खिलाफ मुकदमा तक करने की बात कही है। आरोप यह भी लगाया गया है कि अस्पताल ने उनसे इलाज के नाम पर काफी रुपए लिए लेकिन ठीक से इलाज नहीं किया यदि विकास का सही इलाज होता तो उसे बचाया जा सकता था।