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डिप्टी सीएमओ के शव के साथ लापरवाही की जांच कराएगा बीएचयू, कोरोना से हुई थी मौत

locationवाराणसीPublished: Aug 13, 2020 03:50:56 pm

बीएचयू सीएमएस प्रोफेसर एसके माथुर ने डिप्टी सीएमओ के शव के साथ लापरवाही के मामले में जांच के लिये समिति गठित (BHU Announce for Enquir) कर दी है। समिति की रिपोर्ट आ जाने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है। डिप्टी सीएमओ का शव बदल दिया (Deputy CMO Dead Body Swap Case) गया था।

BHU MS

बीएचयू एमएस

वाराणसी. मरीजों की सेवा में लगे वाराणसी के डिप्टी सीएमओ की मौत के बाद उनके शव के साथ लापरवाही के मामले को लेकर बीएचयू अस्पताल पर सवाल उठने लगे हैं। बीएचयू अस्प्ताल कर्मियों की लारवाही से जहां डिप्टी सीएमओ के परिवार को गलत शव दे दिया गया (Deputy CMO Dead Body Swap Case), वहीं शव बदले जाने के इस मामले के चलते वाराणसी के ही फूड विजिलेंस इंस्पेक्टर अपने पिता का अंतिम संस्कार तक नहीं कर सके। डिप्टी सीएमओ के परिजनों को उन्हीं के पिता का शव दे दिया गया था। अब बीएचयू ने इस मामले को गंभीरता लिया है। एमएस प्रोफेसर एसके माथुर ने घटना की जांच का आदेश दिया है और इसके लिये एक समिति भी गठित (BHU Announce for Enquir) कर दी है, जो पूरे मामले की छानबीन कर रिपोर्ट देगी।

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वाराणसी में डिप्टी सीएमओ जंगबहादुर की बुधवार को कोरोना के चलते मौत हो गई। उनके साथ ही 24 घंटे में चार लोगों की कोरोना से मौत हुई, जिनमें वाराणसी में तैनात फूड विजिलेंस इंस्पेक्टर के अनुपम श्रीवास्तव के पिता केशव चन्द्र श्रीवास्तव भी शामिल थे। डिप्टी सीएमओ जंगबहादुर के परिजन सुबह 10 बजे बीएचयू पहुंचे तो वहां मानक के अनुसार पूरी पैकिंग के साथ उनका शव परिजनों को सौंप दिया गया। परिजनों ने हरिश्चन्द्र घाट ले जाकर उनका अंतिम संस्कार भी कर दिया।

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इसी बीच दोपहर करीब 12 बजे अनुपम श्रीवास्तव अपने पिता का शव लेने बीएचयू पहुंचे। उन्हें शक हुआ तो शव का चेहरा दिखाने को कहा। चेहरा देखते ही परिजन हैरान रह गए। शव डिप्टी सीएमओ जंग बहादुर का था। किसी तरह संपर्क कर वो लोग घाट पर पहुंचे, लेकिन वहां अंतिम संस्कार हो चुका था और शव भी ज्यादातर चिता में जल चुका था। शव बदले जाने पर डिप्टी सीएमओ का परिवार भी हैरान था। उन लोगों ने दोबारा अंतिम संस्कार किया।

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इस घटना के बाद बीएचयू चिकित्सा अधीक्षक ने एक वीडियो संदेश जारी करते हुए इस मामले में जांच के लिये समिति के गठन की बात कही। उन्होंने वीडियो में कहा है कि 12 अगस्त की भोर में कोरोना के एक मरीज की इलाज के दौरान मृत्यु हई थी। इसी के आसपास कोरोना से पीड़ित एक अन्य मरीज भी मृत अवस्था में आईसीयू में लाए गए थे। कोविड 19 प्रोटोकाल के तहत अलग-अलग स्थानों पर पूरी कार्यवाही के बाद शवों को एक ही तरह के बाॅडी बैग में शवगृह में रख दिया गया था। ऐसा संज्ञान में आया है कि एक मरीज के परिजन को दूसरे व्यक्ति का शव दे दिया गया। इसकी जानकारी तब हुई जब दूसरे व्यक्ति के परिजन शव लेने आए और शव को देखा। उन्होंने कहा है कि इसके लिये जांच समिति बना दी गई है। समिति की रिपोर्ट के आधार पर दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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