वाराणसी

Devdeepavali 2019: तुलसीघाट पर एकाकार हुई काशी और कश्मीर की सांस्कृतिक विरासत, संगीत साधकों ने बांधी शमा

50 फीट ऊंचा काशी में विश्वनाथ और कश्मीर में शंकराचार्य का कट आउट आकषर्ण का केंद्र रहाताना बाना ग्रुप के कलाकारों की प्रस्तुति ने किया विभोर

वाराणसीNov 12, 2019 / 09:51 pm

Ajay Chaturvedi

Devdeepavali at Tulsighat ,Devdeepavali at Tulsighat ,Devdeepavali at Tulsighat

वाराणसी. Devdeepavali 2019 तुलसीघाट पर आयोजित देव दीपावली के कार्यक्रम के तहत 50 फीट ऊंचा काशी में विश्वनाथ और कश्मीर में शंकराचार्य का कट आउट आकषर्ण का केंद्र रहा। कार्यक्रम का आगाज ताना बाना ग्रुप के कलाकारों द्वारा कवीर दास जी के दोहे से शुरू हुआ.. पहली प्रस्तुति… मन लागो रे मन फकीरी में, दूसरी प्रस्तुति…घूंघट के पट खोल,मिलेंगे पिया मिलेंगे.. रही। ताना-बाना ग्रुप में देवेंद्र दास, डॉ भागीरथ, श्रीकृष्ण, गौरव शामिल रहे। इसके साथ ही सौरभ-गौरव मिश्र द्वारा कथक की प्रस्तुति भी आकर्षक रही। ड़ॉ. येल्ला बेंकटेश्वर राव का मृदंगम ने सभी को विभोर कर दिया। इसी कड़ी में श्रीमती शिवानी आचार्य का गायन और उनसे साथ तबले पर अंकित कुमार सिंह की प्रस्तुति ने भी दिल को छू लिया। कार्यक्रम की शुरुआत नाद स्वरम् मुत्थुस्वामी और श्री माणस्वामी ने की।
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इस मौके पर संकटमोचन फाउंडेशन के मदर्स फॉर मदर्स की अध्यक्ष आभा मिश्रा व ऑस्ट्रेलिया के ओज़ ग्रीन की अध्यक्ष सू लिनॉक्स द्वारा महिलाओं के लिए तुलसीघाट पर चेंजिंग रुम को किया उद्घाटित। फाउंडेशन के अध्यक्ष व महंत संकटमोचन प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र द्वारा उद्बोधन व अतिथियों का स्वागत व सम्मान किया। फिर 487 वर्ष पूर्व गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा शुरू किए गए कृष्णलीला में कंश बध का मंचन हुआ।
इस मौके पर आयोजन मंडल के सदस्य बीएचयू सर सुंदरलाल चिकित्सालय के पूर्व एमएस प्रो विजय नाथ मिश्र ने कलाकारों के प्रति आभार जताया।
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