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फर्जी दस्तावेज भेजकर नौकरी का झांसा

locationवाराणसीPublished: Aug 24, 2016 09:44:00 am

Submitted by:

​babulal tak

कुचामनसिटी. डी.डी. किसान चैनल, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के फर्जी दस्तावेज तैयार कर प्रदेश सहित कई राज्यों में ठगी की जा रही है। एक युवक को मिले नियुक्ति पत्र के बाद पत्रिका ने इस मामले में पूरी जानकारी जुटाई तो सच्चाई सामने आई।

कुचामनसिटी. डी.डी. किसान चैनल, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के फर्जी दस्तावेज तैयार कर प्रदेश सहित कई राज्यों में ठगी की जा रही है। एक युवक को मिले नियुक्ति पत्र के बाद पत्रिका ने इस मामले में पूरी जानकारी जुटाई तो सच्चाई सामने आई। गौरतलब है कि पत्रिका ने पिछले दिनों भी प्रदेश में चल रही ठगी के अलग-अलग कार्यों का खुलासा किया था। इसके बाद अब ठगी का एक नया मामला सामने आया है। 
कुचामन के निकटवर्ती ग्राम केरपुरा के एक छात्र हेमसिंह के पास स्वर्ण अक्षरों में अशोक स्तंभ एवं सत्यमेव जयते चिन्हित सरकार के हुबहू फर्जी दस्तावेजों का एक लिफाफा आया है। जिसमें छात्र को किसान पत्रकार के पद पर नियुक्ति देने के साथ ही अच्छी खासी सैलेरी देने का भी लिखा गया है। इन दस्तावेजों के साथ कई लुभावने वादे भी किए गए है। जिससे कोई भी छात्र नौकरी के झांसे में फंस सकता है। इन दस्तावेजों पर प्रधानमंत्री की ओर से संचालित योजनओं की जानकारी होने के साथ ही भारत सरकार के दूरसंचार मंत्रालय द्वारा जारी होना दर्शाया गया है। छात्र ने पत्रिका से सम्पर्क करने के बाद अमानत राशि जमा नहीं करवाई।
विभागीय वेबसाइट पर चेतावनी- 

इस पत्र के बारे में शिकायत मिलने पर पत्रिका ने दूरदर्शन की सरकारी वेवसाइट खोलकर जानकारी जुटाई तो डीडी किसान वेबसाइट पर सबसे पहले यह चेतावनी सामने आई। जिसमें साफ तौर पर लिखा गया है कि डीडी किसान में नौकरी दिलाने वालों से सावधान, भारतीय दूरसंचार केन्द्र नाम फर्जी कम्पनी नौकरी के नाम पर ठगी कर रही है। चेतावनी के साथ यह भी लिखा गया है कि ऐसे दस्तावेज मिलने पर तुरंत पुलिस थाने में शिकायत प्रस्तुत की जाए।
मात्र पांच दिन की ट्रेनिंग और नौकरी पक्की-

 छात्र को मिले फर्जी नियुक्ति पत्र सहित अन्य दस्तावेजों में १० व १२वीं पास छात्रों को सीधे ही पन्द्रह दिन के प्रशिक्षण के बाद दूरदर्शन के किसान टीवी बतौर पत्रकार कार्य करने का लालच दिया गया है। इसमें नियुक्ति के साथ ही मासिक सैलेरी ३२ हजार ५ सौ रुपए दर्शायी गई है। जिससे छात्र आसानी से ठगी के शिकार हो जाते है।
ठगी के लिए युवाओं का चयन- 

बेरोजगारी के इस दौर में युवाओं को नौकरी का झांसा देने के साथ ही अलग-अलग लुभावनें विज्ञापन एवं फोन पर लॉटरी लगने जैसे तरीके से युवाओं को ठगने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में विशेष तौर से ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को सतर्क रहने की जरुरत है।
ऐसे समझे ठगी-

१. कोई भी निजी या सरकारी संस्थान फोन पर बातचीत के बाद नियुक्ति पत्र नहीं भिजवाता।

२. लिखित परीक्षा व साक्षात्कार के किसी भी सरकारी नौकरी में चयन नहीं होता।
३. अनजान व्यक्ति या अपरिचित नम्बरों से आए फोन पर किसी भी जानकारी नहीं दें और न ही किसी भी प्रकार के प्रलोभन में आए।

४. अनजान व्यक्ति की ओर से बिना किसी प्रमाण के नौकरी या अन्य प्रलोभन दिए जाने की स्थिति में सीधे पुलिस से सम्पर्क करें।
५. कोई भी सरकारी संस्था बैंक के माध्यम से नगद जमा नहीं करवाता है। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में चालान या डिमाण्ड ड्राफ्ट जमा होता है।

इनका कहना- 

इस मामले में दूरदर्शन के दिल्ली स्थित जनरल डायरेक्टर कार्यालय से भी सम्पर्क किया गया। उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से पूर्व में ही इस संदर्भ में सार्वजनिक सूचना एवं विभागीय वेबसाइट पर चेतावनी जारी कर दी गई है। दूरदर्शन किसान डाक के मार्फत कोई भी सीधे नियुक्ति पत्र जारी नहीं करता है।
दूरदर्शन भवन

नई दिल्ली।

बिना तस्दीक किए कोई राशि जमा नहीं कराएं-

युवाओं को किसी भी प्रकार के लालच में नहीं आना चाहिए। यदि फोन पर या कोई फर्जी सरकारी दस्तावेज के आधार पर नौकरी के बहाने ठगी का प्रयास करता है तो सीधे संबंधित पुलिस थाने में इसकी शिकायत करनी चाहिए। पुलिस पूरी तत्परता से ऐसे मामलों में कार्रवाई करेगी। 
परिस देशमुख 

पुलिस अधीक्षक, नागौर


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