दो साल में 30 लाख रुपये का लगाया था चूना बताया जा रहा है कि बीजेपी विधायक सुरेंदर सिंह के खाते से तकरीबन दो साल में 30 लाख रुपये की ऑनलाइन खरीदारी की गई। इसका पता चलने पर पूर्व विधायक ने पुलिस में शिकायत की, तब साइबर पुलिस ने जांच शुरू की और पूर्व विधायक के ड्राइवर को इस जालसाजी प्रकरण में गिरफ्तार कर लिया।
एसबीआई एकाउंट से की गई थी जालसाजी
साइबर थाने के नोडल प्रभारी अभिषेक पांडेय का इस संबंध में बताया कि औढे़, रोहनिया निवासी पूर्व विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह ने गत चार अप्रैल क तहरीर दी थी कि 2019 से 2021 के मध्य उनके एसबीआई खाते से फर्जीवाड़ा कर 30 लाख रुपये की ऑनलाइन खरीदारी की गई।
ड्राइवर ने खरीदे थे घरेलू और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण साइबर पुलिस ने इस संबंध में तफ्तीश के दौरान भारतीय स्टेट बैंक व ऑनलाइन बिक्री करने वाली कंपनियों से संपर्क किया और मिर्जापुर जिले के चुनार के सिखर गौरिया निवासी विवेक कुमार को करसड़ा विद्युत उपकेंद्र के पास से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ में साइबर पुलिस को पता चला कि पूर्व विधायक संग जालसाजी करने वाला और कोई नहीं बल्कि उनका वाहन चालक विवेक कुमार था। आरपी विवेक की निशानदेही पर एलईडी, एयर कूलर, लाउडस्पीकर, लैपटॉप, साउंड मिक्सिंग मशीन, इनवर्टर, माइक्रोफोन, दर्जनों महंगे मोबाइल बरामद किए गए। इन सभी सामानों का बाजार मूल्य आठ लाख बताई जा रही है।
खुद का डीजे कारोबार करना चाहता था पूछताछ में पुलिस को पता चला कि आरोपी विवेक कुमार पहले चुनार थाने का चौकीदार रहा फिर पूर्व विधायक के यहां नौ हजार रुपये महीने पर ड्राइवरी करने लगा। पूछताछ में विवेक ने बताया कि नौ हजार वेतन से उसका काम नहीं चल रहा था। बावजूद इसके वो काम करता रहा और धीरे-धीरे विधायक और उनके पूरे परिवार का विश्वास जीत लिया। फिर पूर्व विधायक के एटीएम व क्रेडिट कार्ड से ऑनलाइन मार्केटिंग करने लगा। ओटीपी आने पर विधायक के फोन से देखकर पैसा ट्रांसफर कर देता था और सामान अपने घर मंगा लेता था। इस तरीके से उसने डीजे लाइट और साउंड के लगभग सभी सामान ऑनलाइन खरीदे। साथ ही ब्रांडेड कपड़े व जूता-चप्पल की भी खरीददारी की। उसने बताया कि वह अपना डीजे व्यवसाय शुरू करना चाहता था।
पुलिस कार्रवाई मे ये रहे शामिल गिरफ्तारी टीम में थाना प्रभारी निरीक्षक विजय नारायण मिश्र, उप निरीक्षक सुनील कुमार, श्याम लाल गुप्ता, आलोक सिंह आदि शामिल रहे।