किसान कांग्रेस नेता विनय राय मुन्ना और पूर्व प्रदेश कांग्रेस सचिव को प्रदेश अनुशासन समिति की ओर से जारी नोटिस के बाद यह कलह और तेज हो गई है। पार्टी का एक बड़ा तबका 10 जनवरी के राजघाट पर प्रियंका के साथ नाव पर सवार एक अन्य महिला पूर्व पीसीसी सचिव को एक रसूखदार द्वारा नाव से धक्का देने और प्रियंका द्वारा महिला नेत्री को बचाने का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसे लेकर पार्टी के लोगों में अजीब तरह का भय भी है और आक्रोश भी। वो फिलहाल खुल कर सामने नहीं आ रहे हैं पर आफ द रिकार्ड अपने मन की भड़ास जमकर निकाल रहे हैं।
कांग्रेस का बड़ा धड़ा 10 जनवरी की राजघाट और पंचगंगा घाट की घटनाओं को लेकर काफी गुस्से में है। उनका कहना है कि ये सोची समझी रणनीति के तहत किया गया। एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि एक रसूखदार जिसे लोग प्रियंका गांधी का राजनीतिक सचिव बता रहे हैं वह वाराणसी की रहने वाली प्रदेश कांग्रेस की पूर्व सचिव पूनम कुंडू को नाव पर धक्का देते दिख रहे हैं। स्थिति ऐसी बनी कि पूनम नाव से गंगा में गिरने को थीं कि खुद प्रियंका गांधी ने उन्हें बचाया। इतना ही नहीं प्रियंका उन रसूखदार को कुछ समझाती भी नजर आ रही हैं।
ऐसे में कांग्रेसियों का कहना है कि अगर पंचगंगा घाट पर प्रियंका से मिलने वालों की सूची से ऐन वक्त पर बाहर किए जाने के बाद पूर्व पीसीसी सचिव व किसान नेता ने जिस तरह से विरोध जताया और अपनी बात कही, वह अगर अनुशासनहीनता की परिधि में आता है तो उससे पहले प्रियंका गांधी की मौजूदगी में राजघाट पर नाव पर जो कुछ हुआ क्या वह अनुशासन के दायरे में आता है? कांग्रेसियों का सवाल है कि पार्टी नेतृत्व को दोनों ही घटनाओँ को समान रूप से लेना चाहिए। साथ ही यह भी विचार करना चाहिए कि घटना के पीछे की वजह क्या है। कुछ पुराने कांग्रेसी तो इसे आईसा जनित संक्रमण करार दे रहे हैं और इसे कांग्रेस के लिए घातक बता रहे हैं।
कांग्रेसियों का कहना है कि दरअसल कुछ दिन पहले पूनम ने इन रसूखदार के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभयान सा छेड़ रखा था, संभवतः उसी खीझ में उन्होने 10 जनवरी को पूनम को नाव से गंगा में धकेलने का कोशिश की। कुछ वरिष्ठ कांग्रेसियों का तर्क है कि अगर नाव पर ज्यादा लोग थे जिन्हें हटाना था वह सलीके से किया जा सकता था, एक महिला के साथ पुरुष का वह सार्वजनिक कृत्य कतई शोभनीय नहीं है।
इस बीच कांग्रेस नेतृत्व ने तीन अन्य लोगों को प्रदेश कांग्रेस कमेटी में जगह दे दी है। इन तीनों में भी आईसा से आई व महिला नेत्री भी हैं जिन्होंने हाल में कांग्रेस ज्वाइन किया है और 10 जनवरी को पंचंगंगा घाट पर उन्हीं महिला नेत्री पर विनय राय और श्वेता राय ने सवाल खड़ा किया था। वह और कोई नहीं सरिता पटेल हैं। इन्हें पार्टी नेतृत्व ने प्रदेश सचिव बनाया है। केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि मनोज यादव को महासचिव और सुशील पासी, सरिता पटेल व फरहान वारसी को सचिव नियुक्त किया गया है। हालांकि विज्ञप्ति पर 24 दिसंबर 2019 की डेट है। लेकिन यह नियुक्ति पत्र भी राय दंपति को नोटिस जारी होने वाले दिन ही सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। इन नियुक्ति को लेकर भी कांग्रेसियों में आक्रोश है।