बनारस पुलिस की कार्यप्रणाली का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हत्यारोपी के भाई ने बकायदे कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर समर्पण करने की बात कही थी यह जानकारी भी मीडिया के जरिए पुलिस को मिल चुकी थी इसके बाद भी पुलिस ने पीके मुकेश के हत्यारोपी को पकडऩे का प्रयास नहीं किया और हत्या के मुख्य आरोपी पंकज सिंह के भाई रविनारायन सिंह उर्फ बबलू राय ने प्रभारी सीजेएम उमाकांत जिंदल की अदालत में समर्पण कर दिया। इस बात की जानकारी होते ही पुलिस भी अदालत में पहुंची थी लेकिन जब तक देर हो गयी थी। कोर्ट ने न्यायिक अभिरक्षा में आरोपी को जेल भेज दिया। इसके चलते पुलिस सिर्फ हाथ मलती रह गयी।
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डीरेका के कर्मचारी नेता की गोली मार कर हत्या की गयी थी
डीरेका के कर्मचारी नेता पीके मुकेश की 24 जनवरी को परिसर में गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी। हाईप्रोफाइल मामले के खुलासे के लिए खुद आईजी रेंज दीपक रतन ने पुलिस की कई टीमों को लगाया था। क्राइम ब्रांच ने इस मामले में ख्ुालासा का दावा करते हुए अमित सिंह को हत्या में प्रयुक्त असलहे के साथ गिरफ्तार कर लिया था और हत्या करने के आरोप में पूर्व विधायक के खास पकंज सिंह उर्फ डब्ल्यू राय, रविनारायन सिंह, आशुतोष सिंह, रमेश राय उर्फ मटरु राय को भी आरोपी बनाया है, जिसमे से रविनारायन सिंह ने अपने अधिवक्ता अनुज यादव के सहयोग से न्यायालय में समर्पण कर दिया है। अन्य लोग भी पुलिस को चकमा देकर न्यायालय में समर्पण करने के फिराक में है।
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ठठेरी बाजार के चर्चित सर्राफा डकैती कांड में भी आरोपी ने किया था कोर्ट में सरेंडर
सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार में पुलिस की लचर कार्यप्रणाली का यह पहला उदाहरण नहीं है। इससे पहले ठठेरी बाजार में हुई अब तक सबसे बड़ी डकैती का मुख्य अभियुक्त फैजान भी कोर्ट में समर्पण कर दिया था, जिसकी तलाश में बनारस के अच्छे-अच्छे अधिकारी लगे थे। खास बात यह है कि जिस समय फैजान ने कोर्ट में समर्पण किया था उसी समय तत्कालीन एसएसपी नितिन तिवारी इसी मामले में पकड़े गये एक अभियुक्त को लेकर प्रेस कांफ्रेंस कर रहे थे और आज भी एक आरोपी ने समर्पण किया है तो उस समय भी पुलिस की एक महत्वपूर्ण बैठक हो रही थी।
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