ये भी पढें-डीएलडब्ल्यू निगमीकरणः एआईआरएफ का ऐलान देश भर में रेलकर्मी मनाएंगे काला दिवस, डीरेका में होगा ब्लैक आउट बता दें कि गत 9 जुलाई को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कर्मचारी प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया था कि डीरेका का निगमीकरण नहीं किया जाएगा। 100 दिन का एक्शन प्लान दरअसल सभी उत्पादक इकाइयों का अध्ययन कर उसमें महत्वपूर्ण परिवर्तन कर नई ऊंचाइयों पर ले जाने की रेलवे बोर्ड की योजना है। डीरेका के निगमीकरण करने की कोई योजना नहीं है। चेयरमैन ने साफ शब्दों में कहा था कि निगमीकरण नहीं होगा निजीकरण का तो सवाल ही पैदा नहीं होता। ऐसे में चेयरमैन के आश्वासन पर कर्मचारियों ने बांहों पर से काली पट्टी हटा दी और कहा कि अब आगे की रणनीति आपस में वार्ता कर तय की जाएगी। कर्मचारी नेता अविनाश पाठक ने बताया था कि आदोलन 15 दिन के लिए स्थगित किया गया है। लेकिन इस बीच उन्हें भनक लगी है कि रेल मंत्रालय डीएलडब्ल्यू के निगमीकरण पर अड़ा है तो उन्होंने स्थगित आंदलोन फिर से शुरू कर दिया।
ये भी पढें-Incorporation के खिलाफ DLW कर्मियों का मोदी सरकार 2 पर तीखा हमला इस कड़ी में डीएलडब्ल्यू कर्मचारियों ने शुक्रवार को फिर से काला दिवस मनाया और ड्यूटी पूरी करने के बाद गेट मीटिंग की जिसमें सारे कर्मचारी (महिला-पुरुष दोनों) एकट्ठा हुए और केंद्र सरकार को जम कर कोसा। उन्होने कहा कि किसी भी कीमत पर निगमीकरण स्वीकार नहीं है, इसके लिए जो करना हो हम करेंगे।
ये भी पढें-डीएलडब्ल्यू निगमीकरण: आर-पार की लड़ाई के मूड में कर्मचारी प्रदर्शन में बीडी दुबे, राधावल्लभ त्रिपाठी, सुशील कुमार सिंह, रवि शंकर सिंह, अरविंद प्रधान, अरविंद यादव, इंद्रेश कुमार, उमेश्वर सिंह, आशुतोष कुमार, पदम कांत पाठक, रणजीत सिंह, श्याम मोहन तिवारी, चितरंजन कुमार, सरोज कुमार, अजय कुमार, अमित कुमार, समेत सैकड़ों कर्मचारी मौजूद थे।