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DM VARANASI ने इंटर के छात्रों को प्रोफेशनल बनने का दिया सुझाव, पेश किया रितु बेरी और जावेद हबीब का उदाहरण

locationवाराणसीPublished: Aug 24, 2019 07:38:52 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-DM VARANASI ने राजकीय क्वींस इंटर कॉलेज में छात्रों की काउंसलिंग की-बोले, आज का युवा नकारात्मक सोच से ग्रसित है-कैरियर सकारात्मक सोच से होता है

छात्रों को बेहतर कैरियर की सलाह देते डीएम वाराणसी

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वाराणसी. DM VARANASI ने शनिवार को जिले के इंटरमीडिएट के छात्रों की क्लास ली। इस दौरान उन्हें कैरियर टिप्स दिए। कई प्रोफेशनल एक्सपर्ट का नाम लिया और उनके जैसा बनने का सुझाव दिया। बताया कि आगे बढने के लिए सकारात्मक सोच जरूरी है। यह दुःखद है कि आज का युवा नकारात्मक सोच से ग्रसित है।
राजकीय क्वींस कालेज में इटरमीडिएट में आयोजित कैरियर काउंसलिंग के दौरान छात्रों को मंजिल तक पहुंचने और सपनों को साकार करने के मंत्र बताए। कहा कि नकारात्मक सोच से एजूकेशन भी प्रभावित होता है। कहा कि ज्ञान अर्जन करने में भाषा, गरीबी, परिवेश आदि चीजें रूकावट नहीं बन सकतीं। आत्म विश्वास मजबूत होना चाहिए।
डीएम वाराणसी सुरेंद्र सिंह
डीएम ने छात्रों को सोच बदलने की सलाह दी। कहा कि शिक्षण, वकालत, सिविल सर्विस, पुलिस सेवा, मेडिकल, इंजीनियरिंग आदि की परिधि से बाहर भी निकलें। उन्होंने ड्रेस डिजाइनर रितु बेरी, हेयर स्टाइलर जावेद हबीब जैसे नाम गिनाए और कहा कि जिसे लोग सामान्य भाषा में दर्जी और नाई कहते हैं लेकिन स्किल से कितना नाम कमाया। लोग डिग्निटी को पद से जोड़ते हैं काम के महत्व से नहीं। हमे राष्ट्र निर्माण करना है तो हर क्षेत्र में क्रिएटिविटी को महत्व देना होगा। किसी भी फील्ड में स्किल, नालेज और एटिट्यूड से तरक्की की जा सकती है। मस्तिष्क की ग्राह्य क्षमता सात से आठ घंटे की होती है अधिक ज्ञान हासिल करने के लिए दस, बारह चौदह घंटे पढ़ना जरूरी नहीं, जरुरी ये है कि आप अपने मस्तिष्क को कितना रिलैक्स रख कर पढ़ सकते हैं और दिमाग में सहेज सकते हैं।
छात्रों की उपस्थिति जांचते डीएम सुरेंद्र सिंह
उन्होंने जोर देकर कहा कि आप अपने मस्तिष्क को रिलैक्स्ड रखिए। छात्र मानसिकता के विपरीत छात्रों को नालेज शेयर करने का सबक सिखाते हुए कहा कि ऐसा करके आप अपने विद्यालय का नाम रोशन करेंगे। स्कूल के कार्यालय निरीक्षण के दौरान छात्रों की उपस्थिति पंजिका चेक करते हुए अनुपस्थित छात्रों के अभिभावकों को बुला कर वार्ता करने के निर्देश प्रिंसिपल को दिया।
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