बता दें कि जिस राष्ट्रीय अभियान की शुरूआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनारस से की, उसमें बनारस ही पिछड़ता जा रहा है। ऐसे में डीएम सुरेंद्र सिंह ने शुक्रवार को इस पर गहरी नारजगी जताते हुए 26 अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कदम उठाया। ये गांवों के विकास कार्यों से जुड़े इन अधिकारियों पर जिले के मुखिया की गाज गिर गई। दरअसल स्वच्छता कार्यक्रम में खराब प्रगति होने पर डी़एम ने 26 ग्राम पंचायत के सचिवों को प्रतिकूल प्रविष्टि दे दी।
डीएम शुक्रवार को विकास भवन सभागार में जिला स्वच्छता प्रबंधन समिति की बैठक में स्वच्छता कार्यक्रम के प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने एलओबी प्रगति में तेजी लाने का निर्देश दिया। जो एमआईएस गलत हुए हैं उस संबंध में संबंधित कंप्यूटर ऑपरेटर एवं ग्राम पंचायत सचिव से जवाब तलब किए जाने का निर्देश दिया। एसबीएम (जी) एसबीएम के अंतर्गत अगले एक माह में शत-प्रतिशत उपलब्धि सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया।
डीएम शुक्रवार को विकास भवन सभागार में जिला स्वच्छता प्रबंधन समिति की बैठक में स्वच्छता कार्यक्रम के प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने एलओबी प्रगति में तेजी लाने का निर्देश दिया। जो एमआईएस गलत हुए हैं उस संबंध में संबंधित कंप्यूटर ऑपरेटर एवं ग्राम पंचायत सचिव से जवाब तलब किए जाने का निर्देश दिया। एसबीएम (जी) एसबीएम के अंतर्गत अगले एक माह में शत-प्रतिशत उपलब्धि सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया।
उन्होंने ग्राम पंचायतों मे तैनात सभी सफाई कर्मियों को वर्दी दिए जाने का निर्देश दिया। सांसद आदर्श ग्राम जयापुर व नागेपुर में अगले सप्ताह एक एसएलडब्ल्यूएम कार्य प्रारंभ कराने के लिए जिला पंचायत राज अधिकारी को सख्त हिदायत दी। उन्होंने गलत तरीके से शौचलाय बनाए जाने पर संबंधित सचिव से रिकवरी कराने का सख्त निर्देश दिया। कहा कि स्वच्छता कार्यक्रम में किसी भी स्तर पर लापरवाही अथवा शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी गौरांग राठी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, पीडी डीआरडीए, अधिशासी अभियंता जल निगम, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी सहित जिला पंचायत राज अधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।