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डॉ. राजेश बने BHU के नए PRO

locationवाराणसीPublished: Aug 22, 2017 06:36:00 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

पत्रिका ने दी थी सबसे पहले खबर, जताई थी उम्मीद।
 

एपीआरओ से बने पीआरओ

डॉ राजेश सिंह

वाराणसी. डॉ राजेश सिंह बने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के नए पीआरओ (पब्लिक रिलेशन ऑफिसर)। गत 20 अगस्त को दिल्ली में हुई कार्यकारिणी की बैंठक में यह निर्णय लिया गया। बता दें कि डॉ राजेश 2007 से एपीआरओ के पद पर कार्यरत हैं। इस बीच 28 फरवरी 2014 को विश्वविद्यालय के पीआरओ डॉ विश्वनाथ पांडेय सेवानिवृत्त हो गए। डॉ पांडेय 1989 से 2014 तक पीआरओ रहे। फरवरी 2014 से विश्वविद्यालय में पीआरओ का पद रिक्त चल रहा था और डॉ राजेश ही सारा कामकाज देख रहे थे।
बता दें कि गत दो अगस्त को पीआरओ पद के लिए विश्वविद्यालय परिसर में हुए साक्षात्कार के लिए कुल 33 लोगों ने आवेदन किया था जिसमें दो लोगों को ही इस साक्षात्कार के योग्य मानते हुए कॉल लेटर जारी हुआ था जिसमें एक डॉ राजेश सिंह थे तो दूसरे थे मानव भारती विश्वविद्यालय, सलोन में कार्यरत डॉ शंभु दत्त पांडेय। पीआरओ पद के साक्षात्कार के लिए बुलाए गए विशेषज्ञों ने डॉ राजेश के पक्ष में फैसला लिया। गत 20 अगस्त को नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में हुई विश्वविद्यालय कार्यकारिणी परिषद की बैठक में इनकी नियुक्ति पर मोहर लग गयी है। बता दें कि पत्रिका ने दो अगस्त को ही खबर ब्रेक की थी जिसमें बताया गया था कि डॉ राजेश सिंह का पीआरओ बनना तय है।
मीडिया से बातचीत में डॉ राजेश ने कहा कि विश्वविद्यालय के सूचना तंत्र को मजबूत करना उनकी प्राथमिकता होगी। इसे वैश्विक क्षितिज तक पहुंचाना है। विश्वविद्यालय की हर जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। मीडिया तक विश्वविद्यालय की सूचनाएं सरल तरीके से पेश किया जाएगा। साथ ही मीडियाकर्मियों के लिए मीडिया सेंटर की स्थापना की जाएगी जो पेन व पेपरलेस होगा।
डॉ सिंह मूलरूप से आजमगढ़ जिले के ग्राम व तहसील मेंहनगर के निवासी हैं। डॉ सिंह ने मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल तथा दिल्ली में विभिन्न प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया में लेखन व संपादन का दायित्व भी निभाया है। डॉ सिंह ने 22 अगस्त को पीआरओ का पद भार ग्रहण कर लिया।
डाॅ गिरिजा शंकर बने प्रोफेसर

इसके अलावा डाॅ गिरिजा शंकर शास्त्री को

 विश्वविद्यालय के संस्कृृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के ज्योतिष विभाग में प्रोफेसर नियुक्त किया गया है। यह फैसला भी गत 20 अगस्त को दिल्ली में हुई विश्वविद्यालय कार्यकारिणी परिषद की बैठक में लिया गया। प्रो. शास्त्री मूलतः इलाहाबाद के निवासी हैं। वह गत दो वर्ष से विजिटिंग प्रोफेसर के रुप में कार्यरत थे। डाॅ शास्त्री पूर्व में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में संस्कृृत विभाग में रीडर थे।

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