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लोहिया और जेपी की वैचारिकता पर हावी होने लगी है गोडसे की विचारधारा

locationवाराणसीPublished: Oct 12, 2017 08:04:49 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

आम आदमी पार्टी की ‘लोहिया और जयप्रकाश नारायण के विचारों की प्रासंगिगता के सन्दर्भ में- क्या लोग थे वो’ विषयक संगोष्ठी।

संजीव सिंह

संजीव सिंह

वाराणसी. डॉ राममनोहर लोहिया और जय प्रकाश नारायण की वैचारिकता को आगे बढाने की शक्ति नहीं रही आज के राजनेताओं में, तभी तो फरेब की राजनीति कहीं ज्यादा हावी होती जा रही है। यही वजह है कि वर्तमान में गोडसे की विचारधारा कहीं ज्यादा हावी होती दिखने लगी है। यह चिंतनीय है। इससे अगर समय रहते सचेत न हुआ गया तो हालात बद से बदतर हो जाएंगे। यह कहना था उन समाजवादियों का जो गुरुवार को जुटे थे लोकनायक जयप्रकाश और डॉ लोहिया को स्मरण करने। मौका था डॉ लोहिया की पुण्यतिथि का। आम आदमी पार्टी ने इस मौके पर पराड़कर स्मृति भवन में ‘लोहिया और जयप्रकाश नारायण के विचारों की प्रासंगिगता के सन्दर्भ में- क्या लोग थे वो’ विषयक संगोष्ठी आयोजित की थी।
बीएचयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष शिव कुमार सिंह
इस मौके पर समाजवादी विचारक शमशेर सिंह ने कहा कि जयप्रकाश जी और लोहिया जी की वैचारिकता को आगे लेकर चलने का दम आज की राजनैतिक पार्टियों में कमजोर होता नजर आ रहा हैं। विश्वास का संकट खड़ा हों रहा है, संघर्ष करने की शक्ति क्षीण होती जा रही हैं। आज की राजनीति पूंजीवादी व्यवस्था की पोषक हों गई हैं। समाजवादी सोच वाले कुंवर सुरेश सिंह ने कहा कि हिंदुस्तान के लोकतंत्र के ताने-बाने को नुकसान पहुचाने का प्रयास किया जा रहा हैं। महापुरुषों और आजादी के दीवानों को, उनके विचारों को, कार्यो को निरंतर दबाने की कोशिश की जा रही है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष शिवकुमार सिंह ने कहा कि कहीं ना कहीं हमारी कमियों की वजह से झूठ व फरेब की राजनीति हावी हैं। हम गांधी,लोहिया,जयप्रकाश के विचारों पर गोडसेवादी विचारों हावी होते जा रहे हैं जिससे सतर्क रहने की आवश्यकता हैं।
डॉ लोहिया की पुण्यतिथि पर संगोष्ठी
आम आदमी पार्टी के पूर्वांचल प्रभारी संजीव सिंह ने कहा कि दुर्भाग्य का विषय है कि आज छात्र राजनीति झूठ और प्रलोभन के भेंट चढ़ रही हैं। लोहिया,जयप्रकाश जैसे सामाजिक, राजनैतिक विचारकों को भुलाकर सत्ता के लिये हर प्रकार के समझौते किए जा रहे हैं। सच्चे लोकतंत्र की कुंजी भ्रष्टाचार मुक्त ईमानदार राजनीती हैं। गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्रख्यात गांधीवादी विचारक रामधीरज जी ने कहा कि गांव-गांव तक किसानों, नौवजवानों, छात्रों तक महापुरुषों के विचारों को पहुचाने की जरुरत हैं। गोष्ठी की प्रस्तावना रखते हुए प्रो. सुरेंद्र प्रताप ने कहा कि सच्चे समाजवाद की स्थापना पूंजीवाद और साम्यवाद से दूरी बनाकर प्राप्त की जा सकती हैं। आज सत्ता और ब्यूरोक्रेसी की सांठगांठ से लोकतंत्र कमजोर हो रहा हैं।
संगोष्ठी को डॉ के वी पी. सिंह, अनूप श्रमिक, प्रदीप श्रीवास्तव, गौरव शाह, राहुल सिंह, टी के सिन्हा, अब्दुल्लाह खां, योगिराज, डा. आनंद तिवारी, राजकुमार गुप्ता, जय प्रकाश यादव, हरिशंकर सिंह, रजनीश राय, अनवर अली, दीपक सिंह, कन्हैया मिश्रा, एजाज अहमद, विनोद जायसवाल, सरफराज, राम बालक, डा.तरुण, जगदीश यादव, राधेश्याम यादव, प्रितपाल सलूजा, आर एन यादव, दिलीप, मुकेश यादव, चंद्रजीत यादव ,कमलेश दुबे दीपू मिश्रा, प्रमोद सिंह, शैलेश, मायापति यादव,मोहसिना परवीन, रेखा जायसवाल, प्रेमशीला पटेल, अनीता यादव, अर्चना श्रीवास्तव, सोमा सिंह, मधु भारती, महालक्ष्मी शुक्ला आदि ने भी संबोधित किया। संचालन मुकेश सिंह ने किया।
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