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बस ड्राइवर ने नाबालिग को जबरदस्ती अपनी सीट पर खींच लिया, पिता के सामने पूरे रास्ते बेटी को छेड़ता रहा

locationवाराणसीPublished: May 10, 2018 05:33:53 pm

आरएम ने कहा छेड़खानी हुई तो हम क्या करें और कोतवाल ने कहा, अभद्रता का मतलब छेड़खानी नहीं होती…

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बस ड्राइवर ने नाबालिग को जबरदस्ती अपनी सीट पर खींच लिया, पिता के सामने पूरे रास्ते बेटी को छेड़ता रहा

वाराणसी. यूपी के आजमगढ़ में लगातार हो रही महिला हिंसा की घटनाओं ने सरकार के दावों की पोल खोल दी है। ताजा मामले में बुधवार रात निचलौल डिपो की बस के परिचालक ने नाबालिग से छेड़खानी कर दी। वो भी माता-पिता के सामने ही।
वह नाबालिग को घंटों परेशान किया, लेकिन किसी ने आवाज नहीं उठाई। आजमगढ़ के लोगों ने जब विरोध कर परिचालक को पुलिस के हवाले किया तो उन्होंने 151 में चलान कर मामले से पल्ला झाड़ लिया। पुलिस का दावा है कि, जो तहरीर मिली उसी आधार पर कार्रवाई हुई। जबकि पूरी रात कोतवाली में छेड़खानी को लेकर पंचायत होती रही।
बताते हैं कि, रौनापार थाना क्षेत्र का रहने वाला परिवार बुधवार को मुंबई से ट्रेन से वाराणसी पहुंचा। वहां से देर रात परिवार के लोग निचलौल डिपो की बस में सवार होकर आजमगढ़ के लिए चले। यहं बस वाराणसी से गोरखपुर जा रही थी। आरोप है कि, बस में सवारी काफी कम थी। रास्ते में बस और खाली हो गई। रात करीब 12.45 बजे बस ने लालगंज क्रॉस किया। तभी परिचायक ने 16 वर्षीय नाबालिग को पीछे से आगे बैठने के लिए बुलाया। लड़की नहीं आई तो उसे जबरदस्ती खींचकर अपनी सीट पर बैठा लिया और छेड़खानी करने लगा।
पूरे रास्ते व लड़की से छेड़खानी करता रहा। परिवार के लोगों ने विरोध किया तो उनके साथ भी अभद्र व्यवहार किया। जब बस आजमगढ़ बस स्टेशन पर रूकी तो परिवार के लोगों ने वहां मौजूद लोगों से शिकायत की। इसके बाद लोगों ने परिचालक को पकड़कर पीटा और डायल-100 पर फोन कर बुला लिया।
मौके पर पहुंची पुलिस आरोपी को रोडवेज चौकी ले गई फिर उसे शहर कोतवाली भेज दिया गया। इसी दौरान प्रयास संगठन के लोग भी वहां पहुंच गए। आरोपी के खिलाफ कार्रवाई को लेकर दोनों पक्षों में जमकर बहस भी हुई, लेकिन पुलिस यह कहती नजर आयी कि लड़की की बदनामी होगी। भोर में कार्रवाई का आश्वासन मिलने पर संगठन के लोग चले गए।
इधर पुलिस ने आरोपी का छेड़खानी के बजाय 151 में चालान कर दिया। पुलिस के मुताबिक तहरीर में अभ्रद व्यवहार की बात कही गयी थी। जो तहरीर में था उसी के आधार पर कार्रवाई की गयी। जबकि मौके पर मौजूद रहे लोगों का कहना है कि पूरी तरह मामला नाबालिग के साथ छेड़खानी का है लेकिन पुलिस ने परिवार के लोगों को इतना हड़का दिया कि वे भी इस कार्रवाई का विरोध नहीं कर सके।
इस संबंध में आरएम धर्मेंद यादव का कहना है कि, मैं बाहर हूं ऐसे में मैं क्या कर सकता हूं। पुलिस का मामला है वह समझे। आजमगढ़ डिपो और अंबेडकर डिपो के एआरएम भी इस मामले में कुछ बोलने से इनकार कर दिये। वहीं आम आदमी में विभाग और पुलिस के रवैये से नाराजगी साफ दिख रही है लोगों का कहना है कि इससे आरोपी का मनोबल बढ़ेगा।
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