बता दें कि बैठक के दौरान यह तय किया गया कि दो ई-रिक्शा चलाकर गायों के लिए रोटी जुटाने का काम किया जाएगा। जिसे ई-रिक्शा से गौशालाओं व निराश्रित पशु आश्रय गृहों में भेजा जाएगा। महापौर ने बताया कि ई रिक्शा की एक विशेष पहचान होगी। जिससे लोग उसे पहचान सकें। इसके जरिए गो संरक्षण का संदेश भी प्रसारित किया जाएगा। इन ई-रिक्शों में विशेष प्रकार का हॉर्न भी रहेगा। जरूरत के आधार पर इसकी संख्या भी बढ़ाई जा सकती है। नगर आयुक्त आशुतोष द्विवेदी का कहना है कि धर्म संस्कृति की नगरी में लोग पहली रोटी गाय को खिलाना पसंद करते हैं। इस परम्परा को बढ़ाने की पहल नगर निगम की ओर से की जा रही है। इस सम्बंध में नगर विकास मंत्री मुकेश खन्ना ने भी अपने निर्देश दिए हैं।