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यदि आप हैं बारात घर के संचालक तो हो जाएं सजग, पूरी जानकारी के लिए पढ़े ये खबर बता दें कि इलेक्ट्रिक ट्रेन होने से यात्रियों के समय की बचत होगी। मंडुवाडीह से छपरा तक विद्युतीकरण का कार्य पिछले साल शुरू किया गया था। जिस पर तीन हजार करोड़ क लागत आई है। अधिकारियों की माने तो कार्य 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है और मार्च तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। यह भी पढ़ें
दालमंडी ही नहीं शहर में और जगह हो सकते अवैध भूमिगत शहर, एसएसपी ने किया खुलासा छपरा-वाराणसी रेलखंड पर करीब 54 ट्रेनों का परिचालन हो रहा है। ये सभी ट्रेनें वर्तमान में डीजल इंजन से चलती हैं। रेल अधिकारियों की माने तो डीजल इंजन की अपेक्षा बिजली के इंजन से गाड़ियों का परिचालन होने से सबसे अधिक फायदा यात्रियों को होगा। यह भी पढ़ें
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के युवा सम्मेलन से पहले काशी में NSUI ने शुरू किया विरोध वाराणसी जाने में ही अभी तक एक्सप्रेस ट्रेनों को तकरीबन साढ़े तीन घंटे लगते हैं, बिजली इंजन से सिर्फ दो घंटो 45 मिनट में वाराणसी पहुंच जाएंगे। इस तरह करीब एक घंटे समय की बचत होगी। स्टेशन अधीक्षक संजय सिंह ने बताया कि बताया कि इनता ही नहीं, विद्युतीकरण के बाद दोहरीकरण का कार्य भी तेजी से चल रहा है। इस मार्ग पर दोहरीकरण का कार्य पूर्ण होने के बाद ट्रेनें विलंबित नहीं होंगी।