कादीपुर यार्ड से चोरी गई रेल पटरी की पड़ताल में हुई गुनहगार की पहचान वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त डॉ अभिषेक कुमार ने मीडिया को बताया कि बीते 27 मार्च कादीपुर रेलवे यार्ड से डीसीएम व हाइड्रा के माध्यम से रेल की पटरियां चोरी हुई थीं। उस प्रकरण में दो चालक गिरफ्तार किए गए थे। आरपीएफ के सीआईबी इंस्पेक्टर अभय कुमार राय ने आरोपियों से पूछताछ और जांच के दौरान पाया कि दोनों चालक को मोबाइल से कॉल रेल पटरी चुराने का निर्देश दिया गया था। फोन करने वाला रणविजय सिंह था। इस सूचना के बाद टीम ने अपनी गतिविधि तेज करते हुए रणविजय को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया।
ये थी मॉडस आपरेंडी वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त के अनुसार रणविजय सिंह ने जुर्म कुबूल कर लिया है। उसने पूछताछ में बताया कि वह दूसरे के आधार कार्ड के जरिए सिम हासिल करता था। फिर उसी सिम के जरिए किराये पर ट्रांसपोर्ट के वाहन का इंतजाम करता। इस दौरान वो ट्रांसपोर्टर्स को भरोसे में लेकर यही कहता कि रेलवे स्टेशन के समीप हमारा सामान पड़ा है जिसे वहां से उठा कर पटना पहुंचाना है। सामान पटना पहुंचने के बाद वो सिम और मोबाइल दोनों ही नष्ट कर फेक देता था और चोरी से चुराए माल को बिहार के कारखानों को बेच देता था।
बिहार व पूर्वांचल के कई स्टेशनों से रेल संपत्ति चुराता रहा गैंग उन्होंने बताया कि रणविजय और उसका गिरोह भागलपुर, दानापुर, मुजफ्फरपुर, कहलगांव, बगहा और नौगछिया के साथ ही पूर्वांचल के अलग-अलग स्टेशनों के आस-पास चोरी करता था। वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त के अनुसार गिरोह ने अब तक तकरीबन सवा करोड़ रुपए मूल्य की रेल संपत्ति चोरी की है।
रणविजय की गिरफ्तारी में ये रहे शामिल रेल संपत्ति चुरा कर बेचने वाले आरोपी रणविजय की गिरफ्तारी करने वाली टीम में इंस्पेक्टर अभय कुमार राय के नेतृत्व में एसआई सुधीर राय व मनिंद्र यादव, सीटी प्रभात मिश्रा और हेड कांस्टेबल विनोद सिंह व जनार्दन यादव शामिल रहे।