सेना में ज्यादातर किसानों की औलाद विरोध प्रदर्शन के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि अग्निपथ योजना देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। सेना में भर्ती होने वाले नौजवानों में से ज्यादातर किसान परिवार से ही ताल्लुख रखते हैं। ये देश के लिए शर्मनाक है कि वन रैंक वन पेंशन के वादे के साथ पूर्व सैनिकों की रैली से अपना विजय अभियान शुरू करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने अब नो रैंक नो पेंशन की योजना थोप दिया है।
किसानों से बदला लेने को लाई गई योजना उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि किसान आंदोलन में मिली हार का बदला चुकाने के लिए केंद्र सरकार ने ये योजना लांच की है। ये सरकार का एक और हथकंडा है। संयुक्त किसान मोर्चा ने इस योजना का विरोध कर रहे सभी युवाओं से अपील की कि वे शांतिपूर्ण व लोकतांत्रित ढंग से आंदोलन को जारी रखते हुए मजदूर-किसान के साथ मजबूत संगठन व मोर्चा बनाएं।
संयुक्त किसान मोर्चा की की प्रमुख मांगें 1-अग्निपथ योजना को तत्काल पूरी तरह रद्द कर योजना के तहत भर्ती का नोटिफिकेशन वापस लिया जाय
2-सेना में पिछला बकाया 1,25,000 वेकेंसी और इस वर्ष रिक्त होने वाले लगभग 60,000 पदों पर पहले की तरह नियमित भर्ती तत्काल शुरू हो
3-किसी भर्ती के लिए आवेदकों से ऐसा हलफनामा लेने की शर्त न रखी जाए जो उन्हें लोकतांत्रिक प्रदर्शन के अधिकार से वंचित करती हो
4-अग्निपथ विरोधी प्रदर्शनों में शामिल युवाओं के खिलाफ दर्ज सभी झूठे मुकदमे वापस लिए जाएं
5-गिरफ्तार देश भर के सभी युवाओं को रिहा किया जाय
2-सेना में पिछला बकाया 1,25,000 वेकेंसी और इस वर्ष रिक्त होने वाले लगभग 60,000 पदों पर पहले की तरह नियमित भर्ती तत्काल शुरू हो
3-किसी भर्ती के लिए आवेदकों से ऐसा हलफनामा लेने की शर्त न रखी जाए जो उन्हें लोकतांत्रिक प्रदर्शन के अधिकार से वंचित करती हो
4-अग्निपथ विरोधी प्रदर्शनों में शामिल युवाओं के खिलाफ दर्ज सभी झूठे मुकदमे वापस लिए जाएं
5-गिरफ्तार देश भर के सभी युवाओं को रिहा किया जाय
विरोध प्रदर्शन में ये रहे शामिल शास्त्री घाट पर हुए विरोध-प्रदर्शन में प्रमुख रूप से जय किसान आंदोलन के राम जनम यादव, अखिल भारतीय किसान महासभा के कृपा वर्मा, भारतीय किसान यूनियन के कमलेश कुमार, लक्ष्मण प्रसाद मौर्य, कृष्ण कुमार मौर्य, किसान मजदूर परिषद के अफलातून देसाई, अखिल भारतीय किसान सभा के रामचंद्र शर्मा, पूर्वांचल बहुजन मोर्चा के अनूप श्रमिक, पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टी (PUCL) के पीके सिंह, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र शिवराज यादव, भगत सिंह छात्र मोर्चा नेता अनुपम कुमार, संदीप कुमार, पीएस-4 प्रमुख छेदी लाल निराला, रामजी प्रजापति आदि मौजूद रहे।