पेपर आउट का मामला सोमवार की रात से ही चलने लगा था दरअसल बुधवार की घटना से पहले ही बलिया में हाईस्कूल संस्कृत के पेपर की हल की हुई कापियां सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थीं। उस दिन भी देर शाम स्थानीय प्रशासन ने अज्ञात लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था। लेकिन विभाग स्तर पर ऐसा कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया जिससे नकल माफिया को बैकफुट पर लाया जा सके। नतीजा बुधवार को दिन की दूसरी पाली में होने वाली इंटरमीडिएट अंग्रेजी का पेपर आउट हो गया जिसके चलते प्रदेश के 24 जिलो की परीक्षा स्थगित करनी पड़ी।
अंग्रेजी का पेपर आउट होने और उसके बाद परीक्षा निरस्त किए जाने के फौरन बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे गंभीरता से लिया और बलिया के जिला विद्यालय निरीक्षक को निलंबित करने के बाद उनकी गिरफ्तारी भी गो गई। साथ ही पूरे प्रकरण की जांच एसटीएफ को सौंप दी गई। वाराणसी एसटीएफ की टीम बुधवार को ही बलिया पहुंच गई और स्थानीय पुलिस के साथ मिल कर मामले की जांच में जुट गई। अब एसटीएफ व स्थानीय पुलिस इस मामले में कई और जिम्मेदारों की तलाश में जुटी है। जगह-जगह दबिश दी जा रही है।
ये भी पढें- यूपी बोर्ड परीक्षा 2022 प्रश्न पत्र आउट होने के मामले में STF वाराणसी ने तेज की जांच, DIOS समेत 18 गिरफ्तारबुधवार की रात गिरफ्तार हुए थे डीआईओएस बुधवार को शहर कोतवाली पुलिस ने डीआइओएस डॉ ब्रजेश मिश्र व एक दैनिक समाचार पत्र के पत्रकार अजीत ओझा जिन्हें शिक्षक भी बताया जा रहा है को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। उधर नगरा पुलिस ने बृजभान यादव, जय प्रकाश यादव, जनार्दन यादव, सुनील कुमार, राकेश यादव, अनमोल, अनूप चौहान, अभिषेक यादव, दिग्विजय सिंह व मनोज गुप्ता को हिरासत में लिया। इसके अलावा सिकंदरपुर से शुभेंद्र यादव, अहमद रजा, ओम प्रकाश वर्मा, सुधीर कुमार यादव व सुजीत वर्मा की गिरफ्तारी हो चुकी थी।
गुरुवार को नगरा थाने में इनके विरुद्ध दर्ज हुई एफआईआर गुरुवार को वरूण सिंह पुत्र राजेंद्र प्रसाद सिंह निवासी मालीपुर थाना उभांव, जय प्रकाश पांडेय पुत्र अवध बिहारी निवासी देवरिया परसिया थाना नगरा, अमित यादव पुत्र हंशनाथ निवासी लौहरईया थाना नगरा, विशाल यादव पुत्र राम प्रवेश निवासी लौहरईया थाना नगरा और रजनीकांत यादव पुत्र विजयशंकर निवासी नसीराबाद थाना कमरूद्दीनपुर, गाजीपुर के विरुद्ध दर्ज हुआ मुकदमा।