बैंक से जुड़े मो अजरुद्दीन के अनुसार सारी कार्य प्रणाली नियमित बैंक की तरह है। पानी बैंक के सदस्य का खाता होता है, जिसमें कौन रोज कितना लीटर पानी ले जाता है उसकी एंट्री होती है। साथ ही पानी ले.ने के लिए विड्राल फॉर्म भरना होता है। सभी का रिकॉर्ड रखा जाता है। ये वाटर बैंक सुबह और शाम दो घंटे के लिए खुलता है अब तक करीब 200 परिवार तक ये पानी बैंक अपनी सेवा दे रहा है। इस बैंक में मैनेजर और अन्य स्टाफ को मिला कर करीब 6 लोग काम कार्यरत हैं।
बैंक के चेयरमैन डॉ राजीव श्रीवास्त ने बताया दरसल इसकी परिकलपना मुस्लिम राष्ट्रीय मंच और विशाल भारत संस्थान ने की है। पीएम मोदी के जल संचयन के उद्देश्य से इस बैंक को खोला गया है। इस बैंक के सदस्य बनने के लिए और यहां खाता खोलवाने के लिए व्यक्ति को आधार कार्ड और अपनी तीन फोटो देनी होती है। ताकि पानी ले जाने वाले व्यक्ति की पहचान के साथ ये भी सुनिश्चित हो कि वह अपने परिवार के लिए पानी ले जा रहा है। पानी की बर्बादी को लेकर खाता धारक की काउंसलिंग भी की जाती है। जो गैलन वो लेकर जाता है उसे सुरक्षित समय पर दे जाए। पानी बैंक 20 से 80 लीटर तक पानी मुहैया करवाता है।