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वाराणसी

जिला जेल से फिर मिला पांच मोबाइल, मिलीभगत से जारी है सलाखों के पीछे से अपराध

सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार ने दिखा पा रही सख्ती, पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र का यह हाल

वाराणसीJun 19, 2018 / 09:39 pm

Devesh Singh

Jail Mobile

Jail Mobile

वाराणसी. सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार में भी यूपी में क्राइम कंट्रोल नहीं हो पा रहा है। पुलिस एक तरफ ताबड़तोड़ एनकाउंटर कर रही है। इसके बाद भी अपराधी के मन में कानून का खौफ नहीं दिख रहा है इसकी मुख्य वजह जेल से ही अपराधियों का सक्रिय होना है। पुलिस के दबाव के चलते अपराधी आराम से जमानत रद्द करा कर जेल के पीछे पहुंच जा रहे हैं और फिर कुछ सरकारी लोगों की मिलीभगत से जेल के अंदर ही सारी सुविधा प्राप्त कर अपराध करने में सक्रिय रहते हैं। बनारस की जिला जेल इस काम के लिए अब बदनाम हो चुकी है यहां पर फिर से पांच मोबाइल मिलने से सारी व्यवस्था पर सवाल खड़ा हो गया है।
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जिला जेल की बैरक नम्बर तीन के पास से पांच मोबाइल मिलने पर हड़कंप मच गया है। जेल प्रशासन ने इसकी जानकारी पुलिस के साथ क्राइम ब्रांच को दी है। क्राइम ब्रांच ने मोबाइल को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। जेल से मिले मोबाइल में एक जीओ मोबाइल है इसके अतिरिक्त तीन सैमसंग व एक जीवी फोन है। यह पांचों फोन बैरक के पास लावारिस हालत में फेंके गये थे और सारे नम्बर काम कर रहे थे। सुरक्षा कारणों से हम नम्बर का खुलासा नहीं कर रहे हैं लेकिन सारे नम्बर एक्टिव हैं और इनने जेल से ही कई संदिग्ध लोगों से बात हुई है। क्राइम ब्रांच ने मामले की जांच शुरू कर दी है और जल्द इस मामले को लेकर बड़ा खुलासा हो सकता है।
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आखिर कैसे जेल में पहुंच रहे हैं मोबाइल
बनारस की जिला जेल अब मोबाइल मिलने को लेकर बदनाम हो गयी है। पिछले कुछ माह में कई बार जेल से मोबाइल बरामद हो चुका है लेकिन किसी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गयी है। इससे जेल में मोबाइल पहुंचाने वालों का हौसला बढ़ता जा रहा है। जेल से जब बंदियों को कोर्ट ले जाया जाता है और कोर्ट से वापस लाया जाता है तो बंदियों को पूरी तलाशी ली जाती है। इसके बाद भी जेल में मोबाइल मिलना दो बात के संकेत करता है। पहला तलाशी के समय ही जेल में मोबाइल ले जाने दिया जाता है या फिर बाद में बाहर से कुछ लोग व्यवस्था से सेटिंग करके बैरक तक मोबाइल पहुंचाते हैं।
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