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ग्राहक की मांग और जरूरत के अनुरूप ढालना होगा पैकेजिंग उद्योग को

locationवाराणसीPublished: Jun 08, 2019 05:12:03 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

BHU में खाद्य पैकेजिंग एवं संरक्षण कार्यशाला में नीतिगत अनुसंधान की महत्ता जोर

Food Packaging and Protection Workshop in BHU

Food Packaging and Protection Workshop in BHU

वाराणसी. खाद्य पैकेजिंग एवं संरक्षण के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं । पैकेजिंग उद्योग को ग्राहक की मांग और जरूरत के अनुसार नई-नई तकनीक अपनाने की आवश्यकता है, जिससे खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता एवं ताजगी लंबे समय तक बनी रहे और खाद्य की सुरक्षा पर भी कोई आंच न आने पाए। अनुसंधान के बाबत डॉ राय ने कहा कि विज्ञान अनुशासनात्मक तरीके से विकसित हो सकता है लेकिन प्रौद्योगिकी अन्तर-अनुशासनात्मक तरीके से ही विकसित हो सकती है। यह कहना है भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व महानिदेशक डॉ मंगला राय का।
बीएचयू के कृषि संस्थान में आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन करते डॉ मंगला राय
वह शुक्रवार को कृषि विज्ञान संस्थान, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पशुपालन एवं दुग्ध विज्ञान विभाग एवं भारतीय दुग्ध संघ, पूर्वी उत्तर प्रदेश शाखा द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित खाद्य पैकेजिंग एवं संरक्षण के क्षेत्र में नई संभावनाओं पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्गाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में कार्यशाला के आयोजक सचिव एवं डेयरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो दिनेश चंद्र राय ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि पैकेजिंग के नई तकनीकों जैसे- ’एक्टीव पैकेजिंग’ एवं ’इनटेलीजेन्ट पैकेजिंग’ अपनाकर अब हम खाद्य पदार्थो को उनकी शुद्धता एवं गुणवत्ता बरकरार रखते हुए लम्बे समय तक संरक्षित कर सकते है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व महानिदेशक डॉ मंगला राय
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कृषि विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो रमेश चन्द ने कहा कि खाद्य पदार्थो की पैकेजिंग करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जाय कि पैकेजिंग मैटेरियल से खाद्य पदार्थ दूषित न हो।
उद्गाटन सत्र में प्रो आरएस दुबे, प्रो विनोद शंकर सिंह, डॉ एन त्रिपाठी, प्रो बी र्जिली, प्रो पी एस बादल, प्रो आर एन राय, डॉ धीरेन्द्र राय, डॉ विनोद पासवान, डॉ अरविन्द मौजूद रहे। भारतीय पैकेजिंग संस्थान के संयुक्त निदेशक डॉ तनवीर आलम ने आभार जताया। संचालन चन्द्राली मुखर्जी एवं हर्षित श्याम ने किया ।
कार्यशाला में पुस्तक का विमोचन
कार्यशाला में दो तकनीकी सत्र आयोजित किए गए जिनमें खाद्य पैकेजिंग एवं संरक्षण के क्षेत्र में नई संभावनाएं एवं चुनौतियों पर गंभीर मंत्रणा हुई। वक्ताओं में मुख्य रूप से भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ सुधीर सिंह, भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के प्रधान वैज्ञानिक डॉ विनोद शर्मा, केन्द्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान मैसूर के डॉ महेजबेन खान, राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल के डॉ गौरव और पैकेजिंग मैटेरियल संघ वाराणसी के अध्यक्ष राजेश भाटिया व कार्तिक जायसवाल प्रमुख रूप से रहे मौजूद रहे।
कार्यशाला के आयोजक सचिव प्रोफेसर दिनेश चन्द्र राय ने बताया कि यह कार्यशाला शोधकर्ताओं एवं उद्यमियों को एक मंच पर लाने में अत्यन्त सफल रही और दोनों वर्गों ने एक दूसरे की चुनौतियों एवं संभावनाओं को साझा करते हुए भविष्य में संयुक्त रूप से कार्य करने की योजना पर बल दिया।

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