वाराणसी

प्रधानमंत्री को दो-दो बार कड़ी चुनौती देने वाले कांग्रेस पूर्व विधायक अजय राय पर बड़ी कार्रवाई, निरस्त्र हुआ उनका शस्त्र लाइसेंस

बाहुबली विधायकों में शुमार कांग्रेस पूर्व विधायक अजय राय (Ajay Rai) के नाम से जारी शस्त्र लाइसेंस को जिलाधिकारी कैशल राज शर्मा (Kaushal Raj Sharma) ने निरस्त कर दिया है।

वाराणसीJan 03, 2021 / 04:58 pm

Karishma Lalwani

प्रधानमंत्री को दो-दो बार कड़ी चुनौती देने वाले कांग्रेस पूर्व विधायक अजय राय पर बड़ी कार्रवाई, निरस्त्र हुआ उनका शस्त्र लाइसेंस

वाराणसी. बाहुबली विधायकों में शुमार कांग्रेस पूर्व विधायक अजय राय (Ajay Rai) के नाम से जारी शस्त्र लाइसेंस को जिलाधिकारी कैशल राज शर्मा (Kaushal Raj Sharma) ने निरस्त कर दिया है। चेतगंज पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। दरअसल, असलहा के लाइसेंस धारकों की समीक्षा प्रशासन की ओर से की जा रही है और मुकदमों के आरोपियों को नोटिस जारी किया गया है। जिलाधिकारी के आदेश पर पिछले साल सभी लाइसेंस का सत्यापन किया जा रहा था। इसी क्रम में जिल लोगों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं या जो किसी भी तरह के अपराध में लिप्त पाए जा चुके हैं, जिलाधिकारी ने उनकी रिपोर्ट मांगी थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक अजय राय पर भी कार्रवाई की गई और उनका शस्त्र लाइसेंस रद्द कर दिया गया। जिधाकारी के इस फैसले से अजय राय समेत कांग्रेस नेताओं में आक्रोश है। पूर्व विधायक ने इस कार्रवाई को द्वेषपूर्ण बताया है।
26 मुकदमों के हैं आरोपी

मामले पर चेतगंज इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार का कहना है कि अजय राय पर विभिन्न मामलों में 26 मुकदमे पंजीकृत होने की रिपोर्ट भेजी गई थी। इस आदेश की प्रति प्रभारी निरीक्षक चेतगंज और प्रभारी अधिकारी आयुध को भेजकर कार्रवाई के अनुपालन का निर्देश दिया गया है।निरस्तीकरण आदेश में कहा गया कि लाइसेंस धारी विभिन्न आपराधिक मामलों में संलिप्त रहा है। ऐसे लोगों के पास शस्त्र लाइसेंस और शस्त्र का होना अहितकारी है। इसलिए उनका शस्त्र लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। बता दें कि अजय राय पर अलग-अलग थानों में 26 मुकदमे दर्ज हैं और लाइसेंस जारी करने के बाद उन्होंने शस्त्र नहीं खरीदा था। इसी को आधार मानते हुए यह कार्रवाई की गई है। उधर, पूर्व विधायक का कहना है कि उनके प्रति द्वेषपूर्ण कार्रवाई की गई है। उन्हें ज्यादातर मुकदमों में न्यायालय ने बरी कर दिया है। इसका प्रमाण दिया गया था। इस आदेश पर उच्च स्तर पर अपील करूंगा।
जानें कौन हैं अजय राय

पांच बार विधायक रह चुके अजय राय ने अपनी पारी पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) से शुरू की थी। 1993 में वे बीजेपी की बड़ी नेताओं में शुमार कुसुम राय के संपर्क में आए थे। 2009 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी संसदीय सीट से उनकी जगह बीजेपी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी को टिकट दे दिया गया था। इससे नाराज होकर अजय राय ने पार्टी छोड़ दी। साथ ही विधानसभा से भी इस्तीफा दे दिया। उस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का दामन थाम लिया। सपा ने उनकी मुराद पूरी कर दी। उन्हें वाराणसी संसदीय सीट से मुख्तार अंसारी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए उतार दिया। हालांकि, इसमें इनकी जीत नहीं हुई लेकिन 2009 का वाराणसी का चुनाव यादगार बन गया। उस साल उन्होंने सपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ा था और तीसरे नंबर पर रहे थे। तब बीजेपी से मुरली मनोहर जोशी की जीत हुई थी और बसपा के बाहुबली मुख्तार अंसारी को दूसरा स्थान मिला था। बाद में अजय राय ने सपा भी छोड़ दी और निर्दलीय विधायक चुने गए। विधायक बनने के बाद अजय राय कांग्रेस में शामिल हो गए। प्रधानमंत्री (PM Narendra Modi) को दो-दो बार कड़ी चुनौती देने वाले अजय राय को प्रदेश कांग्रेस कमेटी में महत्वपूर्ण पद दिया गया। अजय राय 2014 में भी प्रधानमंत्री के खिलाफ उम्मीदवार थे।
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