इन वोटबैंको में अदर बैकवर्ड, दलित, ब्राह्मण और मुस्लिम हैं। इनमें से अदर बैकवर्ड्स और ब्राह्मण ही हैं जिन्होंने 2014 लोकसभा और 2017 विधानसभा में भाजपा को फतह दिलाई थी। ऐसे में अब कांग्रेस का ध्यान भी इसी तरफ है। यही वजह है कि यूपी में जब सपा-बसपा गठबंधन ने कांग्रेस से किनारा किया तो भी कांग्रेस की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ा। बल्कि कांग्रेस ने अकेले दम पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। अब तो इस गठबंधन में तोड़-फोड़ शुरू कर दी है।
इसी के तहत कांग्रेस ने शुक्रवार को सपा के मिर्ज़ापुर के पूर्व सांसद और उत्तर प्रदेश में कुर्मी समुदाय के दमदार नेता बाल कुमार पटेल को कांग्रेस में शामिल करा लिया। पटेल ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर और कांग्रेस महासचिव व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया, दूसरी महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की।
इस मौके पर राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, राज बब्बर ने पटेल का कांग्रेस परिवार में स्वागत किया। इन तीनों ने कहा कि पटेल के आने से कांग्रेस उत्तर प्रदेश में और भी अधिक मज़बूत हुई है और सांप्रदायिक शक्तियों को उत्तर प्रदेश से जड़ से उखाड़ फेंकने की पार्टी की प्रतिबद्धता को पटेल के कांग्रेस में आने से और भी बल मिला है।
बता दें कि पटेल से पूर्व होलिका वाले दिन प्रियंका गांधी ने बनारस दौरे के वक्त भाजपा के दो बार पार्षद और एक बार नगर निगम कार्यकारिणी परिषद के उप सभापति रहे तथा बनारस में जनसंघ के संस्थापक हरिश्चंद्र श्रीवास्तव के नजदीकी रहे ओम प्रकाश चौरसिया, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ महेंद्र नाथ पांडेय की बहू अमृता पांडेय, लोकदल के पूर्वांचल प्रभारी जयराम पांडेय, आम आदमी पार्टी की अंजू बाला सहित सात लोगों को कांग्रेस ज्वाइन कराया था।