भाजपा में किसी जिम्मेदारी के सवाल पर कहा कि पार्टी लोकसभा चुनाव में जो दायित्व सौंपेगी उसे कबूल कर पूरी निष्ठा से उसका निर्वहन करेंगे। योगी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि लोक कल्याणकारी योजनाओं और समाज के सभी लोगों के साथ बिना भेदभाव किये उनके हितों के लिये किये जा रहे कार्यों के चलते ही वह भाजपा में आए।
योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद जब गोरखपुर सीट पर उपचुनाव हुआ तो सपा और बसपा ने यहां मिलकर चुनाव लड़ा और निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद के बेटे प्रवीलण निषाद को संयुक्त प्रत्याशी बनाकर पहली बार जीत हासिल की। संजय निषाद, निषाद जाति की राजनीति करते हैं और गोरखपुर सीट पर निषाद वोटों की तादाद अच्छी खासी है। इसी के चलते सीट पर भाजपा को हराना संभव हो पाया। कहा जा रहा है कि सपा-बसपा की चाल की काट के रूप में ही भाजपा ने अमरेन्द्र निषाद व राजमति निषाद को पार्टी में शामिल किया है। स्व. जमुना प्रसाद निषाद की और उनके परिवार की भी निषाद वोटों पर अच्छी पकड़ है और बीजेपी को लगता है कि यह कहीं न कहीं उन्हें फायदा पहुंचा सकता है।