वाराणसी

संस्कृत विवि में आमजन के लिए मुफ्त ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण पाठयक्रम

इस ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण के बाबत कुलपति प्रो हरेराम त्रिपाठी का कहना है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार ऑनलाइन एजुकेशन, शिक्षा का पर्याय न होते हुए भी शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने में सहायक हुआ है । प्राचीन अध्यापन पद्धति अपने आप में विशिष्ट है। लेकिन यांत्रिक विकास ने यंत्रों के माध्यम से विषय बोध तथा संप्रेक्षण की जो संभावना प्रस्तुत की है, उसका उपयोग शिक्षा में भी होना चाहिए। नवीन यंत्रों के माध्यम से शिक्षण पद्धति को और भी सरल करने की आवश्यकता है।

वाराणसीJun 07, 2022 / 12:50 pm

Ajay Chaturvedi

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय

वाराणसी. संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र शुरू हो गया है। इसके तहत विश्वविद्यालय के नियमित शिक्षकों के साथ अन्य राज्य विश्वविद्यालयों, निजी विश्वविद्यालयों, राजकीय महाविद्यालयों, अशासकीय अनुदानित महाविद्यालयों तथा स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के नियमित शिक्षकों के द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस संस्था द्वारा ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र के माध्यम से आम जनमानस में संस्कृत संभाषण प्रशिक्षण, समस्त शास्त्र प्रशिक्षण तथा योग, वास्तु शास्त्र, ज्योतिष, कर्मकांड, तीर्थ पुरोहित अर्थक विषयों में ऑनलाइन प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इन पाठ्यक्रमो को पूर्ण करने पर सर्टिफिकेट व डिप्लोमा प्रदान किए जाएंगे।
प्रतिवर्ष 10 हजार विद्यार्थियों को ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण देने का लक्ष्य

इस नवीन ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र के जरिए प्रथम वर्ष 2022-23 में लगभग 2000 छात्रों, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में लगभग 3,000 छात्रों एवं चतुर्थ एवं पांचवें वर्ष 2025-2026 से 2026-27 तक प्रतिवर्ष लगभग 10,000 छात्रों को ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण दिया जाएगा।
ऑनलाइन प्रशिक्षण देने वाले आचारयों को मिलेगा मानदेय

कुलपति प्रो हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित किए जाने वाले ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र से प्रतिदिन 20 कक्षाएं संचालित होने पर प्रति व्याख्यान प्रति शिक्षक को 500 रुपये का मानदेय पर 180 दिन के लिए 54.00 लाख वार्षिक व्ययभार अनुमानित है। लैब स्थापना के लिए 47.00 लाख, लैब संचालन से संबंधित सामग्री के लिए 5.00 लाख, कम्प्यूटर ज्ञाता को मानदेय के लिए 3 लाख व 2 यन्त्र सहायक के मानदेय के लिए 06.00 लाख वार्षिक व्ययभार अनुमानित है। इसके अतिरिक्त परामर्श आउटरीच के लिए 0.5 लाख एवं यात्रा संगोष्ठी के लिए 1.00 लाख रुपये की आवश्यकता होगी। यानी कुल 116.50 लाख का व्ययभार अनुमानित है। ऐसे में विश्वविद्यालय मुफ्त ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण के उच्च अध्ययन केंद्र की स्थापना के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 116.50 लाख ( एक करोड़ 16 लाख, 50 हजार रुपये का बजट स्वीकृत हुआ है।
शासन से मिला है अनुदान
कुलपति ने बताया कि गत दिनों उच्च शिक्षा की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग के पत्र से ज्ञात हुआ कि वित्तीय वर्ष 2022-23 मे ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र के लिए 1 करोड़ 16 लाख रुपये 50 हजार रुपये का अनुदान स्वीकृत किया गया है।
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