प्रतिवर्ष 10 हजार विद्यार्थियों को ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण देने का लक्ष्य इस नवीन ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र के जरिए प्रथम वर्ष 2022-23 में लगभग 2000 छात्रों, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में लगभग 3,000 छात्रों एवं चतुर्थ एवं पांचवें वर्ष 2025-2026 से 2026-27 तक प्रतिवर्ष लगभग 10,000 छात्रों को ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण दिया जाएगा।
ऑनलाइन प्रशिक्षण देने वाले आचारयों को मिलेगा मानदेय कुलपति प्रो हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित किए जाने वाले ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र से प्रतिदिन 20 कक्षाएं संचालित होने पर प्रति व्याख्यान प्रति शिक्षक को 500 रुपये का मानदेय पर 180 दिन के लिए 54.00 लाख वार्षिक व्ययभार अनुमानित है। लैब स्थापना के लिए 47.00 लाख, लैब संचालन से संबंधित सामग्री के लिए 5.00 लाख, कम्प्यूटर ज्ञाता को मानदेय के लिए 3 लाख व 2 यन्त्र सहायक के मानदेय के लिए 06.00 लाख वार्षिक व्ययभार अनुमानित है। इसके अतिरिक्त परामर्श आउटरीच के लिए 0.5 लाख एवं यात्रा संगोष्ठी के लिए 1.00 लाख रुपये की आवश्यकता होगी। यानी कुल 116.50 लाख का व्ययभार अनुमानित है। ऐसे में विश्वविद्यालय मुफ्त ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण के उच्च अध्ययन केंद्र की स्थापना के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 116.50 लाख ( एक करोड़ 16 लाख, 50 हजार रुपये का बजट स्वीकृत हुआ है।
शासन से मिला है अनुदान
कुलपति ने बताया कि गत दिनों उच्च शिक्षा की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग के पत्र से ज्ञात हुआ कि वित्तीय वर्ष 2022-23 मे ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र के लिए 1 करोड़ 16 लाख रुपये 50 हजार रुपये का अनुदान स्वीकृत किया गया है।
कुलपति ने बताया कि गत दिनों उच्च शिक्षा की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग के पत्र से ज्ञात हुआ कि वित्तीय वर्ष 2022-23 मे ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र के लिए 1 करोड़ 16 लाख रुपये 50 हजार रुपये का अनुदान स्वीकृत किया गया है।