धनतेरस से तेज हो जाता है जुए का दौर
नेपाल में दीपावली के मौके पर जुआ खेलने का दौर धनतेरस से ही तेज हो जाता है। दीपावली के मौके पर यह करोबार अरबों में पहुंच जाता है भारत नेपाल की खुली सीमा के रास्ते नेपाल पहुंचना काफी आसान होता है। जिससे नेपाल में जुआ खेलने पर कोई प्रतिबंध नहीं होने के कारण भारी संख्या में भारतीय नेपाल पहुंचते हैं, खासकर दीपावली के मौके पर। नेपाल सिद्धार्थनगर से सटा हुआ है। ऐसे में जिला मुख्यालय सहित जिले के बढ़नी, बर्डपुर, ककहरवा, शोहरतगढ़, खुनुआ से तमाम लोग नेपाल में जुआ खेलने जाते है। बताया जाता है कि पड़ोस के जिले ही नहीं भारत के कई महानगरों से भी लोग नेपाल जुआ खेलने पहुंचे है।
नेपाल में दीपावली के मौके पर जुआ खेलने का दौर धनतेरस से ही तेज हो जाता है। दीपावली के मौके पर यह करोबार अरबों में पहुंच जाता है भारत नेपाल की खुली सीमा के रास्ते नेपाल पहुंचना काफी आसान होता है। जिससे नेपाल में जुआ खेलने पर कोई प्रतिबंध नहीं होने के कारण भारी संख्या में भारतीय नेपाल पहुंचते हैं, खासकर दीपावली के मौके पर। नेपाल सिद्धार्थनगर से सटा हुआ है। ऐसे में जिला मुख्यालय सहित जिले के बढ़नी, बर्डपुर, ककहरवा, शोहरतगढ़, खुनुआ से तमाम लोग नेपाल में जुआ खेलने जाते है। बताया जाता है कि पड़ोस के जिले ही नहीं भारत के कई महानगरों से भी लोग नेपाल जुआ खेलने पहुंचे है।
दिवाली के दूसरे दिन भी जमकर होता है जुआ
सिद्धार्थनगर से सटे नेपाल के सीमावर्ती जिले कृष्णानगर, रूपनदेई, भैरहवा व बुटवल में काफी तादाद मं कसीनो हैं। नेपाल के यह जिले भारत से काफी करीब है। वहां आने-जाने में किसी तरह की कोई परेशानी भी नहीं होती। जुआ खेलकर आसानी से शाम को वापस लौटा जा सकता है। ऐसे में दीपावली के दूसरे दिन ज्यादातार लोग नेपाल में ही अपना समय बिताते है। भारतीय लोग नेपाल के इन जिलों के साथ ही पोखरा, दांग, राजधानी काठमाण्डू तक कैशिनों में जुआ खेलने जाते है। आम दिनों में करोड़ों में रहने वाला नेपाल का जुआ करोबार दीपावली के खास मौके पर अरबों में पहुंच जाता है। नेपाल में भाई दूज के मौके पर अवकाश होने के चलते यहां भाई दूज के दिन कैसीनो बन्द रहते हैं।
by sursj kumar