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वाराणसी में गंगा खतरे के निशान के निकट, वरुणा ने धरा रौद्र रूप, पलायन शुरू

locationवाराणसीPublished: Aug 20, 2019 05:18:21 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-वाराणसी में गंगा ने चेतावनी बिंदु को छू लिया है अब खतरे के निशान की ओर बढ चली हैं-चारों तरफ हाहाकार, सबसे ज्यादा मुसीबत में शवयात्री-वरुणा में भी उफान आने से लोगों का पलायन हो गया है शुरू-शहर में दशाश्वमेध घाट की सीढियां डूबीं

महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर गंगा का पानी

महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर गंगा का पानी

वाराणसी. आम दिनों में सिकुड़ी-सिकुड़ी नजर आने वाली मां गंगा ने अब रौद्र रूप धर लिया है। आलम यह है कि अब चेतावनी बिंदु को छू लिया है और अब खतरे के निशान की ओर बढ चली हैं। गंगा के इस रौद्र रूप के चलते काशी में हाहाकार मच गया है। गंगा के जलस्तर में वृद्धि के चलते सहायक नदी वरुणा में भी उफान आ गया है। ऐसे में तीनों ही तरफ से शहर बाढ जैसी स्थिति में घिर गया है। वरुणा किराने से तो लोगों का पलायन भी शुरू हो गया है। लोग सुरक्षित स्थान पर जाने लगे हैं। लेकिन सबसे ज्यादा मुसीबत में हैं शवयात्री। महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर शवदाह के लिए जगह नहीं है। बड़ी मुश्किल से जिसे जहां जगह मिल रही है वह अंतिम क्रिया संपन्न करा रहे हैं।
महाश्मशान मणिकर्णिका घाट का दृश्य
महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर यूं तो प्रथम तल पर प्लेटफार्म बने हैं लेकिन वो भी सीमित हैं। दूसरे वहां तक पहुंचने के रास्ते में भी गंगा का पानी फैल चुका है। चारों तरफ केवल पानी ही पानी नजर आ रहा है। अंतिम क्रिया से जुड़ी सामग्री की दुकानों तक पानी पहुंच चुका है। मुंडन आदि कराने के लिए कहीं बैठने की जगह नहीं है। शवदाह के लिए चिता सजाने के लिए जगह नहीं बची है। कर्मकांडीय कर्मों के लिए भी स्थान नहीं बचा है। ऐसे में शवयात्री जैसे-तैसे घाट तक तो पहुंच जा रहे हैं लेकिन उसके बाद उनकी मूसिबत बढ जा रही है। वो परेशान हैं।
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महाश्मशान के रास्ते में गंगा
दशाश्वमेध घाट की सारी सीढियां डूब गई हैं। मां शीतला के मंदिर में गर्भगृह तक गंगा का जल पहुंच चुका है। यहां पूजन-अर्चन में भी दिक्कत आऩे लगी है। शाम को होने वाली नियमित आरती अब छतों पर शुरू ही हो चुकी है। घाटों का संपर्क टूट ही चुका है। जल पुलिस की चौकी भी डूब गई है।
वरुणा से पलायन करते लोग
उधर वरुणा में गंगा के पलट प्रवाह के चलते कोनिया से नक्खीघाट तक दोनों ओर के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ पानी घुस चला है। इसके चलते लोग भयभीत हैं। वो अपना सारा सामान समेट कर सुरक्षित जगहों पर जाने लगे हैं। ऐसे लोग जिनके दो माला मकान हैं वो प्रथम तल पर शिफ्ट होने लगे हैं। कारण भूतल के सारे कमरे डूब गए हैं। इन घनी बस्तियों में हाहाकार की स्थिति है। वरुणा किनारे के स्कूल बंद हो गए हैं। लोगों का रोजी रोजगार सब बंद है।
वरुणा से पलायन करते लोग
केंद्रीय जल आयोग की मानें तो अगले दो घंटे यानी शाम पांच बजे तक गंगा चेतावनी बिंदु यानी 70.26 मीटर के ऊपर बह रही होंगी।

केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में वाराणसी में गंगा का जलस्तर सोमवार की सुबह 68.66 मीटर तक पहुंच गया था। रविवार की सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर 66.72 मीटर था जो रात 10 बजे बढ कर 68.10 मीटर हो गया। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि गंगा के जलस्तर में कितनी तेजी से वृद्धि हो रही है। जल आयोग के अनुसार गंगा में बढाव का क्रम जारी है।
बता दें कि बनारस में गंगा के जलस्तर का चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर और खतरे का निशान 71.26 मीटर है जबकि उच्चतम बाढ बिंदु 73.90 मीटर है।

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