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वाराणसी में गंगा के जलस्तर में फिर से बढाव, चप्पू वाले नावों के परिचालन पर लगी रोक

locationवाराणसीPublished: Aug 15, 2022 07:18:53 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

वाराणसी में कुछ दिन स्थिर रहने और घटाव शुरू होने के बाद सोमवार से एकाएक गंगा के जलस्तर में फिर से बढ़ाव होने लगा है। साथ ही पिछले कुछ महीनों से गंगा में नौका दुर्घटना के कई मामले सामने आए। ऐसे में कलेक्टर कौशल राज शर्मा ने चप्पू वाली नावों के परिचालन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। साथ ही नाविकों के लिए गाइडलाइन भी जारी कर दी है।

गंगा में चप्पू वाली नावों के परिचालन पर रोक

गंगा में चप्पू वाली नावों के परिचालन पर रोक

वाराणसी. गंगा के जलस्तर में सोमवार से अचानक बढ़ाव शुरू होने और हाल के महीनों में लगातार हो रही नाव दुर्घटना के मज्जेनजर चप्पू वाली नावों के परिचालन पर कलेक्टर कौशल राज शर्मा ने रोक लगा दी है। साथ ही नाविकों के लिए दिशा निर्देश भी जारी कर दिया है।
सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही चलेंगी मोटरबोट

कलेक्टर द्वारा जारी दिशा निर्देश के तहत नाविकों को सख्त हिदायत दी गई है कि वो किसी भी हालत में चप्पू वाली नाव नहीं चलाएंगे। मोटरबोट भी सूर्यदय से सूर्यास्त तक ही चल सकेंगी। यहां तक कि गंगा आरती के वक्त घाटों के सामने नाव कतई न खड़ी की जाएं।
क्षमता से ज्यादा सवारी बिठाने पर नाव होगी सीज, जुर्माना अलग से
कलेक्टर ने सभी एसडीएम और तहसीलदार को गंगा किनारे के गांवों की सूची बनाने का निर्देश दिया है। साथ ही लेखपाल, ग्राम प्रधानों, सचिव को भी हिदायत दी हैं कि नाविकों को जारी दिशा निर्देश की जानकारी दें। एडीएम एफ संजय कुमार ने बताया कि क्षमता से अधिक सवारियां बैठाने पर नाव को सीज किया जाएगा साथ ही जुर्माना लगाया जाएगा।
नशे की हालत में नौकायन की इजाजत नहीं

कलेक्टर ने कहा है कि पुरानी नाव को अधिक रफ्तार से न चलाई जाय। छोटी नावों का परिचालन किसी कीमत पर न करें। नाव में यात्रियों के हंगामा करने या दिशा परिवर्तन कती न करने दें। नशे की हालत में नाव न खेया जाए, न ही किसी को नशे की हालत में बिठाया जाय।
नाविकों के लिए जारी निर्देश

-नाव पर क्षमता से अधिक भार या अधिक सवारी न बैठाएं।

-पुरानी नाव को अधिक रफ्तार से न चलाएं।

-नाव संचालन के लिए बने मानकों को पूरा करें और दोषपूर्ण नाव या छोटी नावों को न चलाएं।
-नाव में यात्रियों द्वारा हंगामा या अनावश्यक स्थिति परिवर्तन न करने दें।

-नाव की लकड़ी अगर कहीं टूटी हो, तो मरम्मत जरूर करवा लें। पतवार मजबूत होनी चाहिए।

-नाव में बैठने वाले व्यक्तियों की अधिकतम संख्या नाव पर लिखी होनी चाहिए।
-नाव पर लाइफ जैकेट, टॉर्च, रस्सी, लंगर, बांस की लग्गी, हवा भरे ट्यूब हर हाल में होने चाहिए।

– तेज हवा, आंधी, तेज बारिश में नाव तुरंत किनारे लगाएं।

-नाव को नदी की मुख्य धारा में न ले जाएं।
-नाव पर गोताखोरों और प्रशासनिक अधिकारियों के मोबाइल नंबर हों।

-नाव पर NDRF का मोबाइल नंबर 8004931410 और आपदा विशेषज्ञ का मोबाइल नंबर 9140037137 भी जरूर लिखा हो।

-नाव की लकड़ी अगर कहीं टूटी या क्षतिग्रस्त हो तो उसे मरम्मत करा लें।
-पतवार मजबूत होनी चाहिए। नाव में बैठने वाले व्यक्तियों की अधिकतम संख्या नाव पर प्रदर्शित होनी चाहिए।

-नाव पर लाइव जैकेट, टॉर्च, रस्सी, लंगर, बांस की लग्गी, हवा भरे ट्यूब इत्यादि भी होने चाहिए।
-नाव को नदी की मुख्य धारा में न ले जाएं।

-नाव पर गोताखोरों, एनडीआरएफ 8004931410, आपदा विशेषज्ञ 9140037137 और प्रशासनिक अधिकारियों का मोबाइल नंबर रखें।

गंगा में बढाव

केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार से गंगा के जलस्तर में फिर से बढ़ावा शुरू हो गया है। सुबह 6 बजे तक गंगा का जलस्तर 63.44 मीटर तक पहुंच गया, जो रविवार को 63.32 और शनिवार को 63.27 मीटर था।
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