वाराणसी के कछुआ सैंचुरी को हटाने की कवायद अब अंतिम दौर में है। पर्यावरण और वन मंत्रालय की सेंट्रल इंपॉवर्ड कमिटी (सीईसी) ने इसकी मंजूरी दे दी है। अब बस सुप्रीम कोर्ट की अनुमति मिलने .का इंतजार है। इसके बाद कछुआ सैंक्चुअरी को भदोही के सीतामढ़ी और आगे प्रयागराज के बीच शिफ्ट किया जाएगा।
बता दें कि गंगा को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए 1987 में राजघाट से लेकर रामनगर तक गंगा के दस किलोमीटर क्षेत्र को कछुआ सेंचुरी घोषित किया गया था। इसके चलते तमाम कोशिशों के बावजूद गंगा जल परिवहन परियोजना गति नहीं पकड़ पा रही थी। वन विभाग ने कछुआ सेंचुरी का हवाला देकर कई बार मालवाहक जहाजों को चलने से रोक दिया था। यहां तक कि परियोजना के ट्रायल रन में इनलैंड वॉटरवेज़ अथॉरिटी ऑफ इंडिया (आईडब्ल्यूएआई) को कछुआ सेंचुरी से दूर अधोरेश्वर अवधूत भगवान राम घाट पर अस्थाई जेटी बना मालवाहक जहाजों को हल्दिया के लिए रवाना करना पड़ा था। बाद में वाइल्ड लाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की एक्सपर्ट कमिटि ने जहाजों को चलाने की अनुमति तो दे दी, लेकिन सिर्फ सुबह के समय में ही और स्पीड 5 किलोमीटर प्रति घंटे निर्धारित की थी।
बता दें कि गंगा को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए 1987 में राजघाट से लेकर रामनगर तक गंगा के दस किलोमीटर क्षेत्र को कछुआ सेंचुरी घोषित किया गया था। इसके चलते तमाम कोशिशों के बावजूद गंगा जल परिवहन परियोजना गति नहीं पकड़ पा रही थी। वन विभाग ने कछुआ सेंचुरी का हवाला देकर कई बार मालवाहक जहाजों को चलने से रोक दिया था। यहां तक कि परियोजना के ट्रायल रन में इनलैंड वॉटरवेज़ अथॉरिटी ऑफ इंडिया (आईडब्ल्यूएआई) को कछुआ सेंचुरी से दूर अधोरेश्वर अवधूत भगवान राम घाट पर अस्थाई जेटी बना मालवाहक जहाजों को हल्दिया के लिए रवाना करना पड़ा था। बाद में वाइल्ड लाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की एक्सपर्ट कमिटि ने जहाजों को चलाने की अनुमति तो दे दी, लेकिन सिर्फ सुबह के समय में ही और स्पीड 5 किलोमीटर प्रति घंटे निर्धारित की थी।
गंगा जल परिवहन परियोजना में 365 दिन और चौबीसों घंटे बड़ी क्षमता वाले जहाजों को चलाए जाने के प्लान में रोड़ा बनी कछुआ सैंक्चुअरी को वाराणसी के घाटों से दूर ले जाने के लिए प्रक्रिया पूरी करने में करीब तीन साल का समय लग गया। यूपी सरकार से केंद्र सरकार और फिर वाइल्ड लाइफ अडवाइजरी कमिटि की रिपोर्ट के बाद पर्यावरण मंत्रालय की सीईसी ने कछुआ सैंक्चुअरी को शिफ्ट करने को हरि झंडी दी है। अब यह फाइल सुप्रीम कोर्ट की कमिटी के पास है। काशी वन्य जीव प्रभाग के प्रभारी डीएफओ मनोज खरे में बताया कि कछुआ सैंक्चुअरी पर जल्द ही आदेश आने वाला है। सुप्रीम कोर्ट की मुहर लगने के बाद सैंक्चुअरी को स्थानांतरित करने का काम शुरू हो जाएगा।
आईडब्लयूएआई के अध्यक्ष प्रवीर पांडेय ने बताया कि वाराणसी से हल्दिया के बीच गंगा में विकसित किए जलमार्ग में परिवहन में तेजी लाने के लिए बड़ी कार्गो कंपनियों की बैठक जुलाई में काशी में होने जा रही है। आईडब्ल्यूएआई और फिक्की के सहयोग से देशभर से लोग यहां आएंगे। बैठक में जल परिवहन की संभावनाओं और जरूरतों पर मंथन होगा। वाराणसी-हल्दिया के बीच दूसरे साहिबगंज मल्टिमॉडल टर्मिनल का निर्माण कार्य अंतिम दौर में हैं। 280 करोड़ की लागत से 183 एकड़ भूमि पर बन रहा यह टर्मिनल अगस्त महीने में देश को समर्पित कर दिया जाएगा। इस टर्मिनल के बनने से जल परिवहन में कई गुना तेजी आएगी।