scriptनहीं रहे गंगा प्रेमी स्वामी सानंद, काशी में 20 अप्रैल को कहा था नहीं साफ करा सका गंगा तो त्याग दूंगा देह | Ganges Scientist Professor GD Agarwal Swami Sanand passed away | Patrika News

नहीं रहे गंगा प्रेमी स्वामी सानंद, काशी में 20 अप्रैल को कहा था नहीं साफ करा सका गंगा तो त्याग दूंगा देह

locationवाराणसीPublished: Oct 11, 2018 03:54:46 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

22 जून से हरिद्वार के मातृसदन में आमरण अनशन पर थे। 09 अक्टूबर से त्याग दिया था जल भी।

स्वामी सानंद

स्वामी सानंद

वाराणसी. मां गंगा को अविरल निर्मल बनाने के अधूरे प्रण के साथ ही वैज्ञानिक से सन्यासी बने स्वामी सानंद उर्फ प्रो जीडी अग्रवाल ने दुनिया को अलविदा कह दिया। गुरुवार दोपहर बाद एम्स ऋषिकेश में निधन हो गया। बता दें कि स्वामी सानंद गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए बांधों के निर्माण का विरोध कर रहे थे। केंद्र सरकार से उन्होंने बार-बार आग्रह किया, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। ऐसे में 20 जून से उन्होंने हरिद्वार के मातृसद में आमरण अनशन शुरू किया। 08 अक्टूबर को जब यह सूचना आई कि वह अगले दिन से जल भी त्याग देंगे तो काशी सहित पूरे देश से लोगों ने उन्हें पत्र भेज कर अपील किया कि गंगा का वजूद बचाने के लिए जरूरी है कि आप जल त्याग न करें। आपका रहना भी जरूरी है इस आंदलोन के लिए।
ये भी पढ़ें- मां गंगा की रक्षा के लिए अनशनरत स्वामी सानंद 09 से जल का करेंगे त्याग, स्वामी जी के शिष्य ने जारी किया पत्र

बता दें कि स्वामी सानंद ने गत 22 अप्रैल 2018 को काशी में ही कहा था कि जब मां के आंचल को साफ नही करा सका तो ऐसे जीने से क्या फायदा, अब देह त्याग दूंगा। ये बातें उन्होंने गंगा स्वच्छता के लिए काम करने वाली संस्था संकट मोचन फाउंडेश के चेयरपर्सन प्रो विश्वंभर नाथ मिश्र से एकांत में हुई लंबी वार्ता में कही थीं। प्रो मिश्र ने उसी दिन पत्रिका को सारे घटनाक्रम से अवगत कराया था।
ये भी पढ़ें- PM Modi और राजनीति से दुखी गंगा वैज्ञानिक सानंद ने ली देह त्याग की प्रतिज्ञा

काशी में प्रो सानंद ने प्रो विश्वंभर नाथ मिश्र से कहा था, “देश के विख्यात गंगा विशेषज्ञ, जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी सानंद, जिन्होंने मां गंगा की रक्षा के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। काशी से ले कर उत्तराखंड तक मां भागीरथी की अविरलता और निर्मलता के लिए अनशन किया। गंगा बेसिन अथारिटी की बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह तक को कड़ी चेतावनी तक दे डाली। अब वही स्वामी सानंद मां गंगा की दुर्दशा से काफी द्रवित हैं। बात-बात में वह फूट-फूट कर रो पड़ रहे हैं। पतित पावनी मां गंगा की इस दारुण दशा से व्यथित हो कर उन्होंने गंगा दशहरा के बाद देह त्याग की प्रतिज्ञा कर ली है। राष्ट्रीय नदी घोषित कराने में प्रमुख भूमिका का निर्वहन करने वाले स्वामी सानंद ने दुःखी मन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है। दो पेज के उस पत्र में उन्होंने प्रधानमंत्री से काफी कुछ उलाहना भी की है।”
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो