scriptबनारस की मेहमान बनेगी जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल | German Chancellor Angela Merkel will come Kashi on March | Patrika News

बनारस की मेहमान बनेगी जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल

locationवाराणसीPublished: Feb 15, 2018 02:27:04 pm

Submitted by:

Devesh Singh

संकेत मिलते ही जिला प्रशासन ने शुरू की तैयारी, जानिए क्या है कहानी

PM Narendra Modi and German Chancellor Angela Merkel

PM Narendra Modi and German Chancellor Angela Merkel

वाराणसी. बनारस के लिए एक और ऐतिहासिक दिन हो सकता है। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल भी २२ मार्च को काशी आ सकती है। पुलिस प्रशासन को इस संदर्भ में संकेत मिले हैं। जर्मनी की चांसलर काशी में किन जगहों पर जायेगी। इसको लेकर अभी अधिक जानकारी सामने नहीं आयी है।
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पीएम नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र बनारस विश्व पटल में तेजी से उभरता जा रहा है। राजनीतिक दृष्टि की बात की जाये तो जापान के पीएम शिंजो आबेे के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन यहां पर आने वाले हैं। इसी बीच जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल के आने की संभावना को देखते हुए पुलिस प्रशासन तैयारी में जुट गया है। एसएसपी आरके भारद्वाज ने खुद बताया है कि इस बात को संकेत मिले हैं कि जर्मनी की चांसलर काशी आने वाली है अभी इस बात को लेकर अधिक जानकारी मिलने पर ही सारी स्थिति स्पष्ट हो पायेगी। यदि फ्रांस के राष्ट्रपति व जर्मनी की चांसलर दोनों ही आते हैं तो यह काशी के लिए ऐतिहासिक दिन होगा। पीएम नरेन्द्र मोदी ने विश्व स्तर पर काशी की जो ब्रांडिग की है उसका सबसे अधिक फायदा यहां के पर्यटन उद्योग को मिलेगा। जर्मनी की चांसलर की आगवानी खुद पीएम नरेन्द्र मोदी कर सकते हैं।
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21 फरवरी को जर्मनी से आयेगी टीम
एसपीआर अमित कुमार ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार २१ फरवरी को जर्मनी से एक टीम आयेगी। इसके बाद ही जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल की २२ मार्च को आने वाली तिथि पर सहमति बन सकती है यह अभी प्रारंभिक तिथि है और इसके फेरबदल हो सकता है इसलिए इसे निर्धारित तिथि नहीं माना जाना चाहिए। पुलिस अधिकारियों की बात से साफ हो जाता है कि फ्रांस के राष्ट्रपति की तरह जर्मनी की चांसलर के आने की पूरी संभवाना है। दोनों ही राष्ट्राध्यक्षों के आगमन में सुरक्षा व्यवस्था सबसे महत्वपूर्ण होगी। विश्व में आतंकी घटनाओं को देखते हुए दोनों राष्ट्राध्यक्षों को लेकर विशेष सावधानी बरती जायेगी। इसके चलते ही उक्त देशों के प्रतिनिधिमंडल से तिथि को हरी झंडी मिलने के बाद ही दोनों राष्ट्राध्यक्षों का आगमन सुनिश्चित हो पायेगा।
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