वाराणसी. कूड़ा गाडिय़ों में जीपीएस सिस्टम लगाने की तैयारी की गयी है। एक बार यह सिस्टम लग जायेगा तो कूड़ा निस्तारण के नाम पर खेल नहीं हो पायेगा। यदि कहीं पर कूड़ा गाड़ी खराब हो जाती है तो बकायदे एसएमएस के जरिए इसकी जानकारी भी मिल जायेगी।
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की स्वच्छता सर्वे में रैकिंग सुधारने के लिए सारी कवायद की जा रही है। स्वच्छता मिशन में वाराणसी की स्थिति सबसे अधिक खराब है। शहर में जगह-जगह कूड़े का ढेर बिखरा रहता है और कूड़ा ढोने वाली गाडिय़ा भी कितना चली है इसका पता नहीं चल पाता है। कूड़ा जहा पर गिराना है वहां गिराने की बजाये किसी ठेकेदार के प्लाट पर भी गिरवा दिया जाता है। जीपीएस सिस्टम लग जाने से यह सारा खेल रूक जायेगा। नगर निगम के अधिकारियों को यह पता चलेगा कि कौन सी कुड़ा गाड़ी ने कितने चक्कर लगाये हैं और अभी तक कितनी दूरी तय की है।
नगर निगम के पास है डेढ़ सौ छोटी व बड़ी कूड़ा गाड़ी
नगर निगम के पास लगभग डेढ़ सौ छोटी व बड़ी कूड़ा गाड़ी है। सभी पर जल्द ही जीपीएस सिस्टम लगाया जायेगा। शहरी विकास मंत्रालय ने ही कूड़ा गाडिय़ों को जीपीएस से लैस करने की योजना बनायी है और इस पर आने वाले खर्च को कैपिसिटी बिल्डिंग के नाम पर किया जायेगा।
मॉनीटरिंग हो जायेगी आसान
कूड़ा गाड़ी में डीजल को लेकर भी खेल होता है। जितना डीजल भरवाया गया है उतना कूड़ा गाड़ी चली है कि नहीं यह पता नहीं चल पाता है। वाहन चालक कह देता है कि उसने इतने किलोमीटर तक वाहन चलाया है, जबकि वास्तविकता में वाहन इतना नहीं चला होता है। डीजल में जो बचत होती है उसका बंटवारा हो जाता है। जीपीएस सिस्टम लग जाने से यह खेल भी खत्म हो जायेगा।
बीएसएनएल लगवायेगा जीपीएस सिस्टम
कूड़ा गाडिय़ों में जीपीएस सिस्टम लगाने की जिम्मेदारी बीएसएनएल को सौंपी गयी है। जनवरी 2017 में फिर से स्वच्छता सर्वे होना है ओर संभावना जतायी गयी है कि इसके पहले यह जीपीएस लगा दिए जायेंगे।