scriptGyanvapi campus controversy: मां शृंगार गौरी-ज्ञानवापी प्रकरण की अगली सुनवाई अब 30 मई को | Gyanvapi campus controversy next hearing of Maa Shringar Gauri-Gyanvapi case in district judge court now on 30 May | Patrika News

Gyanvapi campus controversy: मां शृंगार गौरी-ज्ञानवापी प्रकरण की अगली सुनवाई अब 30 मई को

locationवाराणसीPublished: May 26, 2022 05:05:48 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

Gyanvapi campus controversy मामले में गुरुवार क जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में गुरुवार दो घंटे तक मुकदमे की पोषणीयता के मुद्दे पर जिरह हुई। जिरह अभी पूरी नहीं हो सकी है। इस बीच जिला जज ने सुनवाई की अगली तिथि 30 मई तय करते हुए आज की कार्यवाही स्थगित कर दी।

वाराणसी जिला न्यायालय

वाराणसी जिला न्यायालय

वाराणसी. Gyanvapi campus controversy: जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में गुरुवार को मां शृंगार गौरी-ज्ञानवापी प्रकरण की सुनवाई दो घंटे तक चली। आज मुकदमे की पोषणीयता पर प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता अभय नाथ यादव ने पक्ष रखा। अभी इसी मसले पर अगली तिथि पर भी बहस होगी। उसके बाद वादी पक्ष अपनी दलील पेश करेगा। करीब ढाई घंटे तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट को 30 मई तक के लिए स्थगित कर दिया। वादी पक्ष के अधिवक्ताओं ने बताया कि आज मुस्लिम पक्ष का आर्ग्यूमेंट शुरू हुआ और वह अभी पूरा नहीं हुआ। यह आर्ग्यूमेंट 30 मई को भी जारी रहेगा। 
जहां आज खत्म हुई सुनवाई वहीं से 30 को शुरू होगी

ज्ञानवापी मस्जिद-शृंगार गौरी मामले में मुकदमें की पोषणीयता पर गुरुवार को सुनवाई पूरी हुई। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 30 मई सोमवार (की अगली तारीख की दी। वादी पक्ष के अधिवक्ताओं ने बताया कि आज मुस्लिम पक्ष का आर्ग्यूमेंट शुरू हुआ और वह अभी पूरा नहीं हुआ। यह आर्ग्यूमेंट 30 मई को भी जारी रहेगा।
दोपहर दो बजे शुरू हुई सुनवाई
दोपहर दो बजे से जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में ज्ञानवापी मस्जिद-शृंगार गौरी वाद की पोषणीयता पर सुनवाई शुरू हुई। वादी पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कोर्ट की की कार्रवाई पूरी होने के बाद कहा कि आज प्रतिवादी पक्ष अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता अभयनाथ यादव ने हमारे पिटीशन के क्लॉज पढ़कर इस मुकदमें को बार्ड बताने के लिए आर्ग्यूमेंट किया जिसपर हमने आर्ग्यूमेंट किया।
अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के वकील बोले अभी शिवलिंग का अस्तित्व सिद्ध नहीं

गुरुवार की सुनवाई के दौरान कोर्ट में द प्लेसेज ऑफ वर्शिप (स्पेशल प्रोविजंस) एक्ट 1991 के तहत बहस हुई। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता अभयनाथ यादव ने कहा कि वादी पक्ष का ये मुकदमा सुनने योग्य नहीं है। इसलिए इसे सिविल प्रक्रिया संहिता के ऑर्डर 7 रूल 11 के तहत खारिज कर दिया जाना चाहिए। जिरह के दौरान अधिवक्ता ने कहा कि शिवलिंग का अस्तित्व कथित है और अभी तक सिद्ध नहीं हुआ है। अफवाहों के परिणामस्वरूप अशांति होती है, इसलिए अस्तित्व साबित होने तक पूजा की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। प्रतिवादी पक्ष के वकील ने सुप्रीम कोर्ट की पिछली मिसालों का हवाला भी दिया। तर्क दिया कि वादी को मस्जिद पर दावा करने का कोई अधिकार नहीं है।
गुरुवार को हुई सुनवाई की खास बातें

-प्रतिवादी पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुमताज अहमद भी पेश हुए

– वादी-प्रतिवादी पक्ष के कुल मिलाकर 34 लोगों को कोर्ट में मौजूद रहने की अनुमति दी गई
– सुनवाई के दौरान जिला जज के आदेश पर एक वकील को कोर्ट परिसर से हटाया गया

-वादी हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर मिले शिवलिंग को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। इस पर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से दलील दी गई कि वादी पक्ष का ये मुकदमा सुनने योग्य नहीं है। इसलिए इसे सिविल प्रक्रिया संहिता के ऑर्डर 7 रूल 11 के तहत खारिज कर दिया जाना चाहिए।
-ज्ञानवापी प्रकरण की सुनवाई में कोर्ट रूम में मौजूद रहने के लिए आज वाराणसी के लॉ रिपोर्टर्स ने जिला जज को प्रार्थना पत्र दिया।

अगस्त 2021 में सिविल कोर्ट में दाखिल हुआ था केस
मां शृंगार गौरी से संबंधित मुकदमा पांच महिलाओं ने सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट में 18 अगस्त, 2021 को दाखिल किया था। सुनवाई के क्रम में प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने जनवरी महीने में कोर्ट में प्लेसेज ऑफ वर्शिप (स्पेशल प्रॉविजंस) एक्ट, 1991 का हवाला देते हुए कहा था कि यह मुकदमा सुनवाई योग्य नहीं है।
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