अधिवक्ता जैन प्रतिवादी संग मिल कर मुकदमा खारिज कराने में लगे विसेन ने कहा है कि इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर की संरक्षक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं। ये संस्था हिंदुओं की हितैषी नहीं है। कहा कि जैन की मंशा साफ नहीं है। उनका मकसद केवल सुर्खियों में बने रहना है। उन्होंने अधिवक्ता जैन पर देश के अमनचैन को बर्बाद करने पर तुले हैं। वो इतने पर ही नहीं रुके, कहा कि अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन प्रतिवादियों के साथ मिल कर मुकदमा खारिज कराने में जुटे हैं। हम अपने दावे को लेकर संवैधानिक तरीके से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। हम अपना मुकदमा अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से देख लेंगे।
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ज्ञानवापी प्रकरण की पोषणीयता पर सुनवाई आजस्टेट का वकील हो कर उसी के खिलाफ वकालतनामा विसेन का कहना है कि अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने 26 मई 2022 को मां शृंगार गौरी मामले की वादिनी मंजू व्यास, सीता साहू, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक के हस्ताक्षर से कोर्ट में वकालतनामा पेश किया। उसमें मां शृंगार गौरी मामले की अहम वादिनी राखी सिंह शामिल नहीं रहीं। बता दें कि विसेन इस मुकदे की 4 वादिनी महिलाओं में से एक दिल्ली की राखी सिंह के पति हैं।
वकालतनामे पर विसेन ने उठाए सवाल विसेन का कहना है कि विष्णु शंकर जैन ने राज्य के खिलाफ वकालतनामा कैसे पेश किया। वो तो सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार के अधिवक्ता हैं। ऐसे में स्टेट का अधिवक्ता उसी के खिलाफ मुकदमे में अपना वकालतनामा दाखिल नहीं कर सकता है। इसी बिना पर प्रतिवादी हमारे दावे और तर्कों को खारिज करा देगा। इस तरह से अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन साजिश रच कर हमारा दावा ही खत्म कराने में जुटे हैं। उन्होंने वकालतनामा ही इसलिए लगाया ताकि मुकदमा खारिज हो जाए।