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ज्ञानवापी केसः बहस पूरी, 1991 का वर्शिप एक्ट लागू होगा या नहीं, कल होगा फैसला, जानें सुनवाई से जुड़ी हर बात

locationवाराणसीPublished: May 23, 2022 06:03:12 pm

Submitted by:

Snigdha Singh

Gyanvapi Masjid Update: ज्ञानवापी मस्जिद में सोमवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेस की अदालत में सुनवाई हुई। पौने घंटे सुनवाई के बाद जिला जज ने अदालत को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया।
 

Gyanvapi Masjid Survey Varanasi Know Hindu Muslim Proofs decisions

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ज्ञानवापी परिसर स्थित मां शृंगार गौरी की दैनिक पूजा-अर्चना की अनुमति और अन्य देवी-देवताओं के विग्रहों को संरक्षित करने को लेकर दायर वाद की सुनवाई सोमवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेस की अदालत में दोपहर दो बजे शुरू हुई। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद पहले यह तय होगा कि मामला आगे सुनवाई योग्य है या नहीं। साथ ही मंदिर पक्ष, जिला शासकीय अधिवक्ता (सिविल) के प्रार्थना पत्र और अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की आपत्ति पर सुनवाई की गई।
सुनवाई महज पौन घंटे ही चली। इसके बाद जिला जज ने फैसला सुरक्षित रखते हुए अदालत को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया। सुनवाई के दौरान सर्वे रिपोर्ट पेश की गई। फिर वादी और प्रतिवादी अधिवक्ताओं ने बारी-बारी से अपना पक्ष रखा। सुरक्षा के इतने तगड़े इंतजाम किए गए थे कि केवल 19 अधिवक्ता और चार याचिकाकर्ताओं को ही अदालत में जाने की इजाजत मिली।
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इन मुद्दों पर हुई बहस
वादी पक्ष के अधिवक्ता विष्णु जैन के अनुसार सोमवार को प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट के सेक्शन 3 और 4 पर बहस हुई। मंगलवार को उसी पर आगे की कार्यवाही होगी। जिला जज ने सभी पक्षों के आवेदन के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल की। प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सिविल प्रक्रिया संहिता के ऑर्डर 7 रूल 11 (मेंटेनेबिलिटी यानी पोषणीयता) के तहत दाखिल प्रार्थना पत्र के बारे में भी सुनवाई हुई। ज्ञानवापी में कोर्ट कमीशन की रिपोर्ट के बारे में भी जानकारी ली गई।

प्रतिवादी पक्ष ने जोरदार ढंग से की बहस
कोर्ट में प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ताओं ने लगातार विरोध किया और अपना पक्ष रखते हुए कड़ी बहस की। बहस और सभी पक्षों के आवेदन के बारे में जानकारी लेने के साथ ही जज ने प्रतिवादी पक्ष के ऑर्डर 7, रूल 11 (मेंटनेबिलिटी) आवेदन के बारे में भी सुना।
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कई के खिलाफ अर्जी
हरिशंकर पांडेय एडवोकेट ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव, सांसद असुद्दीन ओवैशी, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के सचिव समेत आठ के खिलाफ अदालत में दी अर्जी। हरिशंकर पांडेय ने समाज में धार्मिक विद्वेष फैलाने, मानसिक व धार्मिक उत्पीडऩ का आरोप लगाते हुए सभी के खिलाफ कार्रवाई की अपील की।
हटाए गए कोर्ट कमिश्नर तक नहीं जा सके अदालत में
सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर द्वारा नियुक्त कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्र तक को अदालत में प्रवेश की अनुमति नहीं मिल सकी। सूची में उनका नाम नही था। लिहाजा उन्हें कोर्ट में नही जाने दिया गया। इस प्रकरण को लेकर याचिका दर्ज करने वाली पांच महिलाओं में से चार ही कोर्ट में मौजूद थीं।
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किसकी अर्जी पर पहले हो सुनवाई
वादी-प्रतिवादी के प्रार्थना पत्रों में से पहले किसकी सुनवाई हो इसका निर्धारण जिला जज द्वारा किया जाना है। मंगलवार को तय होगा कि पहले किस प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करनी है।
महंत परिवार के मुखिया ने भी दायर की याचिका
दूसरी ओर इसी मामले में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के महंत परिवार के मुखिया डॉ. कुलपति तिवारी ने ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की पूजा के लिए कोर्ट में याचिका दाखिल की। पूर्व में उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद क्षेत्र को महंत परिवार की संपत्ति होने का दावा किया था।
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