वाराणसी

ज्ञानवापी मस्जिद मामला: आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ने कहा कोर्ट के फैसले से निराश न हों मुसलमान

काशी विश्वनाथ मंदिर ज्ञानवापी मस्जिद (Kashi Vishwanath Temple Gyanwapi Masjid Case) मामले में सिविल कोर्ट के पुरातात्विक सर्वेक्षण के आदेश के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board) ने कहा है कि मुसलमान परेशान न हों, साम्प्रदायिक शक्तियां कभी कामयाब नहीं होंगी। हम इसके खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे। उनहोंने कहा है कि बोर्ड और मस्जिद कमेटी मजबूती से पैरवी कर रहे हैं। उधर काशी विश्वनाथ मंदिर के पक्षकार को धमकी मिलने के बाद उन्हें सुरक्षा (Security) दे दी गई है

वाराणसीApr 10, 2021 / 09:14 pm

रफतउद्दीन फरीद

ज्ञानवापी मस्जिद

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

वाराणसी/लखनऊ. ज्ञानवापी मस्जिद काशी विश्वनाथ मंदिर मामले (Kashi Vishwanath Temple Gyanwapi Masjid Case) में पुरातत्विक सर्वेक्षण (ASI Survey) करने के आदेश के बाद ऑल इंडिया पर्सनल लाॅ बोर्ड ने कहा है कि मुसलमान निराश न हों। हम पूरी ताकत से इस मामले में पैरवी कर रहे हैं। बोर्ड के कार्यवाहक महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी (Maulana Saifullah Rahmani) ने कहा है कि साम्प्रदायिक शक्तियां विफल होंगी। उधर इस आदेश के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर के एक पक्षकार हरिहर पाण्डेय को धमकी (Harihar Pandey Threaten) मिलने का मामला सामने आया है। उन्होंने इसकी शिकायत वाराणसी के पुलिस कमिश्नर से की जिसके बाद उन्हें सुरक्षा दे दी गई।


मौलाना रहमानी ने कहा है कि “उपासना स्थल (विशेष उपबन्ध) संरक्षण अधिनियम” के बाद 15 अगस्त 1947 को जहां जो उपासना स्थल बने हैं उनमें कोई बदलाव नहीं हो सकता। उन्होंने सिविल कोर्ट के सर्वेक्षण के आदेश को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि मस्जिद समिति (Masjid Commitee Gyanwapi ) और सुन्नी वक्फ बोर्ड (Sunni Waqf Board) मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) जा रहा है।


उधर धमकी दिये जाने के मामले में पक्षकार हरिहर पाण्डेय ने मीडिया से कहा है कि 8 अप्रैल को सिविल कोर्ट के फैसले के बाद जब वह घर पहुंचे तो एक अनजान नम्बर से फोन आया। फोन पर यासीन नाम के शख्स ने कहा कि,’पांडेय जी मुकदमा तो जीत गए हैं आप लेकिन ASI वाले मंदिर में नहीं घुस पाएंगे, आप और आपके सहयोगी मारे जाएंगे।’ बताते चलें कि प्राचीन मूर्ति स्वयंभू लार्ड विशेश्वर की ओर से सोमनाथ व्यास, रामरंग शर्मा और हरिहर पांडेय बतौर वादी इसमें शामिल हैं।


गोपनीय रहेगा सर्वे, नहीं रुकेगी नमाज

कोर्ट के आदेश के मुताबिक पांच सदस्यी टीम जब पुरातात्विक सर्वेक्षण करेगी तो इस दौरान न तो मस्जिद की सामान्य गतिविधियां रुकेंगी और न ही नमाज। सर्वे की जानकारी भी पूरी तरह गोपनीय रहेगी। यह आम लोगों या मीडिया के साथ साझा नहीं की जाएगी। अगर सर्वे टीम को कुछ परेशानी आती है तो मस्जिद के भीतर ही नमाज के लिये वैकल्पिक जगह उपलब्ध कराई जाएगी। कोर्ट ने सर्वे टीम में अल्पसंख्यक समुदाय के दो लोगों के साथ ही एक ऑबजर्वर रखने को भी कहा है।

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