नॉइस पॉल्यूशन के चलते बंद कराए गए थे मंदिरों में पाठ श्री काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मुक्ति आंदोलन के अध्यक्ष सुधीर सिंह ने बताया कि "काशी में तड़के सुबह से ही मंदिरों में वैदिक पाठ और हनुमान चालीसा का पाठ हुआ करता था। लेकिन दबाव के चलते यह सारी चीजें बंद हो गईं, जिसके पीछे कोर्ट के उस आदेश का हवाला दिया गया था, जिसमें नॉइस पॉल्यूशन को कारण बताया गया था। उन्होंने कहा कि हमने अपने मंदिरों से लाउडस्पीकर तो हटा दिए, लेकिन इनकी मस्जिदों पर उसी तरह लाउडस्पीकर लगे रहे। इसके चलते सुबह 4:30 बजे से ही अजान की आवाज आने लगती हैं। हम लोगों ने तय किया कि जब उनकी मस्जिदों से अजान की आवाज आ रही है, तो क्यों ना हम भी अपने मंदिरों से वैदिक मंत्रोचार और हनुमान चालीसा का पाठ लाउडस्पीकर पर करें।"
चार से पांच बार होगा हनुमान चालीसा का पाठ सिंह के मुताबिक, उन्होंने इसकी शुरुआत अपने घर से की है। उन्होंने बताया कि हम लोगों ने हनुमान चालीसा लाउडस्पीकर पर अजान के शुरू होते ही बजाना शुरू कर दिया। अब उनकी आजान की आवाज धीमी हो रही है, जिसको लेकर पहले भी आपत्ति दर्ज कराई गई है कि अजान धीमी करिए, जिससे उसकी आवाज से हमें तकलीफ ना होने पाए।" उन्होंने कहा कि फिलहाल हम अभी चार से पांच बार हनुमान चालीसा का पाठ लाउडस्पीकर पर कर रहे हैं, लेकिन नियम से सूर्योदय और सूर्यास्त के समय ही हनुमान चालीसा का पाठ होता है, इसलिए आगे जाकर इन्हीं दो समय पर हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा।