वाराणसी

हनुमान जयंती : प्रभु हनुमान की भक्ति में डूबी काशी, निकली ध्वजा यात्रा

काशी या पूर्वांचल ही नहीं, समूचे भारत का रहा प्रतिनिधित्व, राम भक्त की आकर्षक झांकियों संग, नाचते-गाते श्रद्धालु पहुंचे संकटमोचन मंदिर।

वाराणसीApr 19, 2019 / 12:20 pm

Ajay Chaturvedi

हनुमान जयंती पर निकली शोभायात्रा

वाराणसी. शिव की नगरी काशी में भोले के अवतार प्रभु हनुममान का जन्मोत्सव पूरे उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। जगह-जगह से हनुमान ध्वजा यात्रा निकाली जा रही है। संकटमोचन मंदिर सहित सभी हनुमान मंदिर में सुबह से ही भक्तों के आने का जो सिलसिला शुरू हुआ वह अववरत जारी है। संकटमोचन मंदिर में प्रभु हनुमान की बैठी मुद्रा वाली प्रतिमा के दर्शन को भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। सुबह प्रभु का श्रृंगार किया गया। नैवेद्य चढ़ाया गया फिर स्वयं महंत प्रो विश्वंभर नाथ मिश्र ने भक्तों के बीच प्रसाद वितरण किया। उधर दुर्गाकुंड स्थित धर्म संघ शिक्षा मंडल और भिखारीपुर से विशाल व अद्भुत हनुमान ध्वजा यात्रा निकाली गई। इस ध्वजा यात्रा में शामिल भक्त, भक्ति में लीन प्रभु हनुमान का जयकारा लगाते, नाचते-गाते चले जा रहे थे। शाही पालकी पर विराजमान हनुमान प्रभु की छटा निराली रही। एक तरह से कहें कि काशीं आज यानी शुक्रवार के दिन पूरा शहर ही सुबह से ही सड़कों पर उतर आया था प्रभु हनुमान का जन्मोत्सव मनाने तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।
सुबह नौ बजे से दुर्गाकुंड स्थित धर्म संघ शिक्षा मंडल से निकली काशी की ऐतिहासिक हनुमान ध्वजा यात्रा तो आस्‍था का ज्‍वार सड़क पर उमड़ पड़ा। किसी देवता की जयंती वर्ष में एक ही बार पड़ती है लेकिन राम भक्त हनुमान की जयंती वर्ष में दो बार मनाई जाती है। इसमें एक कार्तिक कृष्ण एकादशी को तो दूसरी चैत्र शुक्ल पूर्णिमा पर। चैत्र शुक्ल पूर्णिमा तिथि 18 अप्रैल को शाम 6.21 बजे लग गई जो 19 अप्रैल को शाम 4.31 बजे तक रहेगी। वहीं मेष लग्न प्रात: 7.02 बजे से 8.58 बजे तक रहेगी।
 

उधर बेनीपुर के रामसिंहपुर से गुरुवार को निकली हनुमान ध्वजा यात्रा 18 अप्रैल की शाम ही भिखारीपुर तिराहे पहुंच गई थी। भक्तों ने पूरी रात भजन-कीर्तन करते हुए व्यतीत किया। फिर सुबह लगभग आठ बजे के करीब निकली ध्वजा यात्रा तो लाखों की तादाद में भक्त का कारवां हनुमान प्रभु के जन्मोत्सव में शरीक होने और उनका पुण्य प्रसाद अर्जित करने को निकल पड़ा। इसमें क्या बच्चे, क्या वृद्ध, महिलाओं ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। लोग इस तपती तारकोल की सड़क पर, गड्ढ़े, कंकड़-पत्थर की चिंता किए बगैर चल दिए। सभी अपनी धुन में मगन थे। सभी हनुमान प्रभु के गीत, चौपाई, दोहा पढ़ कर, जयकारे लगाते हुए चलते रहे। न उन्हें चिलचिलाती धूप की चिंता थी न प्यास की, बस एक ही धुन जो पताका उनके हाथों में है उसे संकटमचोन बाबा के श्री चरणों में निवेदित करना है। सो सभी आस्था में डूबे चलते रहे।
दिन के 10 बजते-बजते यह ध्वजा यात्रा बीएचयू गेट तक पहुंच चुकी थी। उसके बाद धीरे-धीरे कारवां आगे बढा और करीब घंट भर में सभी संकटमोचन मंदिर में पहुंचे। वहां हनुमान प्रभु के श्रीचरणों में ध्वजा अर्पित कर मनोकामना पूर्ति की मांग की। बैठे हुए हनुमान की प्रतिमा के आगे शीष नवाया और आशीर्वाद ग्रहण किया।
 

हनुमान जी
पूर्वांचल की ऐतिहासिक श्री हनुमान ध्वजायात्रा एक झलक

1-महाबली हनुमान जी के जन्मोत्सव को, भव्यता के साथ मनाते हुए समाज में व्याप्त जाति – धर्म, ऊंच- नीच, भेदभाव और राजनैतिक स्वार्थ से परे समाज कल्याण, परिवार कल्याण, देश कल्याण के साथ ही आपसी भाईचारा का भावना विकसित करने के उद्देश्य से किया जाता है।
2-पूर्व के वर्षों की भांति इस वर्ष भी यात्रा में पूर्वांचल के कई जनपदों से भी ध्वजयात्राएं सम्मिलित हुई, जैसे अदलपुरा, कनकसराय, मिर्जापुर, रामसिंहपुर, कोनियाँ, डाफी, सुन्दरपुर, खोजवां जानकी नगर, शिवरतनपुर, जलाली पट्टी, अहमदाबाद, गुजरात, इत्यादि क्षेत्रों से ध्वजा लेकर भक्तगण दर्जनों झांकियों के साथ हजारों की संख्या में भिखारीपुर पहुंचकर मुख्य शोभा यात्रा में सम्मिलित हुए।
3- 60 फीट लंबे मुख्यरथ पर श्री संकट मोचन मंदिर की प्रमुख कीर्तन मंडली द्वारा राम दरबार की झांकी के सम्मुख अपने भक्ति भजनों के सुरों से राम नाम की अमृत वर्षा किया गया।
4- यह ध्वजा यात्रा एक दिन पहले ही लगभग 40 किलोमीटर दूर कनकसराय व रामसिंहपुर कार्यालय से निकली जिसमें सैकड़ों भक्त पैदल चलकर भिखारी पुर तिराहे पहुंचे और रात्रि विश्राम के बाद प्रातः मुख्य शोभायात्रा में सम्मिलित होकर श्री संकटमोचन दरबार को प्रस्थान किये।
5- एक और भक्तों ने विभिन्न देवगण् स्वरूपों पर फूलों की वर्षा कर आरती उतारी तो देव स्वरुप देवगणों, ने भक्तों पर अपने कृपा की बरसात की।
6- शोभायात्रा में 201 आरती की थालियों संग हजारों महिलाओं का हुजूम राम नाम व महाबली के भजनों पर थिरकते हुए श्री संकटमोचन दरबार में हाजिरी लगाने को धूप व भीषण गर्मी की परवाह न करते हुए संकटमोचन दरबार तक पहुंची।
7- शोभायात्रा में सम्मिलित हुए। भक्तों ने मान्यता अनुसार बाबा के जन्मोत्सव पर राम नाम के महामंत्र का जाप करते हुए उनको भेंट स्वरूप ध्वजा अर्पण कर बाबा से अपनी इच्छा पूर्ति की अर्जी लगाई। चूंकि महाबली हनुमान जी अपने जन्मोत्सव पर बेहद खुश होते हैं, और समिति परिवार का भी मानना है कि बाबा अपने जन्मोत्सव पर भक्तों की इच्छा अवश्य पूरी करेंगे।
8- छोटे बड़े ध्वजा कुल मिलाकर 11 हजार ध्वजाओं पताकाओं के लहराते साये में भक्तों की सैकड़ों टोलियाँ राम नाम की मस्ती में मदमस्त चलती संकटमोचन दरबार पहुंची।

 

हनुमान ध्वजा यात्रा की झांकी
9-सभी कार्यालयों की संगठित तकरीबन 60 -70 की संख्या में विभिन्न प्रकार से सजी झाँकियां शोभायात्रा में सम्मिलित होकर शोभायात्रा को भव्यता प्रदान किए।
10-यात्रा में इस वर्ष महिलाओं, बच्चों व पुरुषों की संख्या कुल मिलाकर लगभग 50 हजार के ऊपर रही होगी।

11- इस वर्ष भी श्री हनुमत सेवा समिति परिवार की तरफ से बाबा को सवा 11 मनी प्रसाद चढ़ाया गया।
12- श्री हनुमान ध्वजा यात्रा सिर्फ एक शोभायात्रा ही नहीं अपितु समाज को एक नई दिशा दिखाने का भी कार्य करता है, संगठित व्यवस्था, सुव्यवस्थित परिचालन और बृहद नेटवर्क के तहत इसको आयोजित किया गया।
13- इस शोभायात्रा की कुल लम्बाई लगभग डेढ़ से दो किलोमीटर रही। होगी श्री हनुमान ध्वजायात्रा में जिस तरह से भक्तों की सहभागिता बढ़ रही है, हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि यह यात्रा पूर्वांचल की भव्यतम् यात्राओं में से एक होगा।
14- श्री संकटमोचन दरबार में ध्वजा अर्पण के पश्चात भक्तों द्वारा सामूहिक चालीसा पाठ महाबली की, सामूहिक महाआरती हुई, तत्पश्चात समाज कल्याण, देश कल्याण, और, परिवार कल्याण के साथ ही आपसी भाईचारा विकसित करने के उद्देश्य से महाबली श्री हनुमान जी से सामूहिक प्रार्थना की गयी। जिसमें हजारों की संख्या में भक्तगण सम्मिलित हुए।
15- यात्रा का समापन मंदिर के महंत प्रो विश्वंभर नाथ मिश्र के हाथों से भक्तों में प्रसाद वितरण के साथ हुआ।
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