अब एक नया मामला सामने आया है जिसके अंतर्गत इलाहाबाद हाईकोर्ट ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी में एसोसिएट प्रोफेसरों की नियुक्ति वैधता की चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार व विश्वविद्यालय से जवाब मांगा है। साथ ही विश्वविद्यालय में नियुक्त दो सहायक प्रोफेसरों डॉ.वीरेन्द्र कुमार मिश्र व डॉ.सुनीता वर्मा को नोटिस जारी किया है। याचिका की सुनवाई 10 दिसंबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति एस.डी.सिंह ने डॉ.राजीव प्रताप सिंह की याचिका पर दिया गया है।
याचिका पर अधिवक्ता शैलेन्द्र ने बहस की। याची का कहना है कि नियुक्ति प्रक्रिया में यूजीसी की गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया। योग्य अभ्यर्थियों की उपेक्षा कर अयोग्य लोगों का चयन किया गया है। चयन में नियमों का उल्लंघन किया गया है। याचिका में नियम विरुद्ध नियुक्ति निरस्त करने की मांग की गई है।
बता दें कि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो जीसी त्रिपाठी अपने विदायी समारोह में खुद स्वीकार कर चुके हैं कि उन्होंने अपने कार्यकाल में किन्हीं दबाव में कई अयोग्य लोगों की नियुक्ति, प्रमोशन आदि किया था।
हाई कोर्ट संवाददाता द्वारा